भवानी देवी की तलवार से जगमगाया भारत, देश को किया गौरवान्वित

भारतीय तलवारबाज़ (Fencing Championship) भवानी देवी ने इतिहास रच दिया है। चीन में आयोजित एशियाई फ़ेन्सिंग चैंपियनशिप(Fencing Championship) ब्रॉन्ज मेडल जीतकर उन्होने पहला मेडल हासिल कर भारत का नाम रोशन कर दिखाया है। प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में भवानी को उज्बेकिस्तान की जेनाब डेयिबेकोवा के खिलाफ कड़े मुकाबले में 14-15 से हार का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने इस टूर्नामेंट में भारत के लिए पहला मेडल जीता। भवानी देवी की ये जीत भारत की जीत है, तलवारबाज़ी (Fencing Championship) भारत के इतिहास से जुड़ी है पर खेलों में इसका देर से आगमन हुआ, यहीं वजह है की इस युवा महिला तलवारबाज़ की हर कोई तारीफ कर रहा है।

फेंसिंग (Fencing Championship) में भारत का पहला मेडल

आज सोमवार को चीन के वुक्सी में एशियन फेंसिंग चैंपियनशिप का सेमिफाइनल राउंट आयोजित हुआ। जिसके विमेंस सेबर इवेंट में भवानी देवी ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में हार के बावजूद उन्होंने भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया। इस प्रतियोगिता में ये भारत का पहला मेडल है, जिसके लिए भवानी देवी की देश-दुनिया में तारीफ हो रही है।

भारतीय तलवारबाजी संघ के महासचिव राजीव मेहता ने एशियाई तलवारबाजी चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर भवानी देवी को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि “यह भारतीय तलवारबाजी के लिए बेहद गौरवपूर्ण दिन है, भवानी ने वह किया है जिसे इससे पहले कोई और हासिल नहीं कर पाया, वह प्रतिष्ठित एशियाई चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली पहली भारतीय तलवारबाज हैं, मैं उन्हें बधाई देता हूं”।

Fencing Championship

भवानी देवी के नाम हैं कई रिकार्ड्स

Bhavani Devi ने कई सारे रिकॉर्ड बनाएं हैं। साल 2009 में मलेशिया में आयोजित राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में इन्होंने कांस्य पदक जीता था। इसके बाद 2010 इंटरनेशनल ओपन , 2010 कैंडिडेट एशियन चैंपियनशिप,  2012 कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप 2015 एशियन चैंपियनशिप 2015 ओपन में कास्य पदक जीता। वह पहली महिला हैं जिन्होंने फिलिपिंस चैंपियनशिप,  2014 में अंडर 23 कैटेगरी में सिल्वर मेडल हासिल किया साथ ही 2019 में कैनबरा में आयोजित सीनियर कॉमनवेल्थ फेंसिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम करने वाली पहली भारतीय महिला बनी।

भवानी देवी 29 साल की हैं। उनका जन्म 27 अगस्त 1993 को तमिलनाडु के चेन्नई में हुआ। अपने खेल की शुरुआत उन्होने साल 2003 में अपनी शिक्षा के साथ ही कर दी थी। दसवीं कक्षा के बाद भवानी ने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ज्वाइन किया। इनके जीवन में कई उतार-चढ़ाव रहे, पर माता-पिता के आशीर्वाद के साथ से वे आगे बढ़ती रहीं। करियर में एक समय ऐसा भी आया जब वे इस खेल को छोड़ने की सोच रही थी। उनकी इस जीत ने हर भारतीय के लिए आज के दिन को गर्व का दिन बना दिया है।