पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजयपेयी (Atal Bihari Vajpayee) जी एक ऐसे व्यक्तित्व के धनी थे कि, वे जब बोलते थे तो विपक्ष भी गौर फरमाता था। भाषा पर ऐसी पकड़ की उन्हें सरस्वती पुत्र (Atal Bihari Vajpayee) भी कहा जाता है। उनके (Atal Bihari Vajpayee) लिए राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं था। यही वजह थी की उन्होने आजीवन विवाह नहीं किया और हमेशा India First के सिद्धांत पर चलते रहे। आज उनकी पांचवी पुण्यतिथि पर उन्हें नमन करते हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की आज पांचवीं पुण्यतिथि है। बीजेपी ने आज खास श्रद्धांजलि अर्पित कार्यक्रम रखा। जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री जी को श्रद्धांजलि दी गईं। बीजेपी की तरफ से पहली बार पुण्यतिथि कार्यक्रम में एनडीए के घटक दलों को न्योता दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला समेत तमाम बड़े बीजेपी नेता उपस्थित हुए। कार्यक्रम की शुरुआत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।
किसी के लिए गुरुदेव तो किसी के सच्चे मित्र
पूर्व प्रधानमंत्री चंन्द्रशेखर, अटलबिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee)जी को गुरुदेव कहकर बुलाते थे। पक्ष हो या विपक्ष सभी अटल जी का सम्मान करते थे। लालकृष्ण आडवाणी जी उनके सबसे निकट सहयोगी माने जाते थे। दोनों की जोड़ी को राम और लक्ष्मण की जोड़ी के रुप में जाना जाता था। वाजपेयी जी लोगों को सम्मान देने में भई सबसे आगे थे। 1971 में जब बांग्लादेश का विभाजन हुआ। तो उसमें इंदिरा गांधी के प्रतिनिधित्व में भारत की जो भूमिका रही, उससे प्रभावित होकर अटल बिहारी बाजपेयी ने उन्हें “साक्षात दुर्गा” की उपाधि दी थी। पूर्वराष्ट्रपति नरसिम्हा राव, अटल बिहारी बाजपेयी को अपना राजनैतिक गुरु मानते थे।
अपनी कविताओं के जरिए भर देते थे जोश
अटल जी की कविताएं आज के हर युवा के लिए प्रेरणा है। मशहूर गज़ल गायक जगजीत सिंह ने उनकी एक रचना को अपनी आवाज से भी सजाया था। इस एल्बम का नाम है “क्या खोया क्या पाया”। अटल बिहारी वाजपेयी जी की रचना हर व्यक्ति को जोश से भर देती हैं। ये व्यक्तित्व आज हमारे साथ नहीं पर उनकी सीख हमेशा साथ हमेशा रहेंगी। उनकी कविताओं के जरिए कई बिखरे जीवन संवर जाते हैं। निराशा में भी आशा की किरण नज़र आती है।
परमाणु शक्ति में भारत को बनना संपन्न
भारत की परमाणु शक्ति का एहसास दिलाने वाले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ही थे। अनेक अंतर्राष्ट्रीय दबावों के बाद भी उन्होंने पोखरण परमाणु परीक्षण को करवाया और भारत को एक परमाणु शक्ति सम्पन्न देश बनाया। पाकिस्तान के साथ मजबूत संबंध बनाने के लिए, उन्होंने 19 फरवरी 1999 को दिल्ली से लाहौर तक सदा-ए-सरहद नाम की एक बस सर्विस शुरू की थी जिसमें उन्होंने भी एक बार यात्रा की थी।