Tuesday, September 17, 2024
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Anti Paper Leak Law 2024 हुआ लागू, नकल और पेपर लीक पर होगी 10 साल की सजा !

देशभर में NEET पेपर लीक और फिर UGC NET परीक्षा के कैंसिल होने को लेकर शोर मचा हुआ है। इसी बीच देर रात सरकार ने बड़ा फैसला ले लिया है। पेपर लीक को रोकने के लिए एक कड़े कानून को लागू कर दिया गया है। देश में ‘लोक परीक्षा कानून 2024’ (Public Examination Act 2024) या एंटी पेपर लीक (Anti Paper Leak Law) कानून लागू हो गया है। इस कानून के तहत पेपर लीक औक नकल के मामले में दोषियों को 10 साल तक की सजा और 1 करोड़ रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।

आधी रात में लागू हुआ कानून 

नीट परीक्षा (NEET 2024) और यूजीसी नेट 2024 (UGC-NET 2024) परीक्षाओं के विवादों के बीच देश में ‘लोक परीक्षा कानून 2024’ (Public Examination Act 2024) या एंटी पेपर लीक (Anti Paper Leak Law) कानून लागू हो गया है।

ये कानून शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और नौकरियों में भर्ती के लिए होने वाली सभी प्रतियोगी परीक्षाओं पर लागू होगा। कानून शुक्रवार, 21 जून की आधी रात से लागू कर दिया है। केंद्र सरकार ने आधी रात को इसको लेकर अधिसूचना जारी की। इस एंटी पेपर लीक कानून को ‘लोक परीक्षा कानून 2024’ (Public Examination Act 2024) नाम दिया गया है।

पेपर लीक और नकल पर कठोर दंड और जुर्माना 

ये कानून (Anti Paper Leak Law) इसी साल फरवरी में पारित हुआ था, जिसे शनिवार (22 जून) से लागू कर दिया गया है। इस अधिनियम के तहत अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। लोक परीक्षा अधिनियम को ऐसे में लागू किया गया है, जब इसे लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से सवाल किया गया था कि इसे कब लागू किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा था कि मंत्रालय नियम बना रहा है।

लोक परीक्षा कानून 2024 से छात्रों में खुशी का माहौल 

‘लोक परीक्षा कानून 2024’ (Anti Paper Leak Law) के लागू होने से छात्रों में खुशी का माहौल है। नीट और यूजीसी नेट परीक्षा में गड़बड़ी के बाद से देशभर में छात्रों मे आक्रोश था। छात्रों को अब संतुष्टी है की उनके भविष्य के साथ अब खिलवाड़ नहीं होगा।

इस कानून के तहत अगर किसी परीक्षा में हुए गड़बड़ी में एग्‍जाम सेंटर की भूमिका पाई जाती है तो उस सेंटर पर भी कार्रवाई होगी। सेंटर को 4 साल के लिए सस्‍पेंड किया जाएगा, यानी उस सेंटर को अगले 4 सालों तक कोई भी सरकारी एग्जाम कराने का अधिकार नहीं होगा। एग्जामिनेशन सर्विस प्रोवाइडर भी यदि दोषी पाया गया तो उस पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

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