अक्षय तृतीया पर एक दान जरुरी….

वैशाख मास में शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन को अक्षय तृतीया मनाई जाती है। जिसका बहुत महत्व है, इस दिन अबूझ मुहूर्त होता है। कोई भी शुभ कार्य शुरु करने का इससे अच्छा कोई दिन नहीं होता। अक्षय का अर्थ होता है जिसका क्षय ना हो नाश ना हो। यही वजह है की इस दिन किए गए दान का खास महत्व माना गया है। किसी भी तरह के दान से इस रोज व्यक्ति को बहुत लाभ मिलता है, जिससे कई बड़ी समस्याओं का समाधान होता है।

अक्षय तृतीया से जुड़ी वैसे तो कई हिन्दू धर्म में कई मान्यताएं है, जिसमें सबसे खास है भगवान परशुराम का अवतरण होने का। भगवान परशुराम को अमरता का वरदान मिला था इसी वजह से उनके प्रकटोत्सव पर किए गए दान का पूर्ण लाभ मिलता है। एक और मान्यता के अनुसार मां अन्नपूर्णा देवी भी इसी रोज अवतरित हुई, जिस वजह से इस दिन किसान नई फसल का आगमन करते हैं, खेतों में नई फसल लगाई जाती है पूजा पाठ होते हैं। घरों में रखे धन-धान की पूजा होती है, जिससे अनाज की कभी कमी नहीं होती।

महाभारत के अनुसार, अक्षय तृतीया के ही दिन युधिष्ठिर को सुर्य देव ने उपासना से प्रसन्न होकर अक्षय पात्र दिया था। इसी रोज भगवान कृष्ण ने अपने मित्र सुदामा को धन-धान्न दिया जो कभी खत्म नहीं हुआ। इसी दिन भगवान गणेश ने महर्षि वेदव्यास जी से सुनकर महाभारत लिखना शुरु की थी। जिसकी कथा युगो-युगो तक चल रही है, कभी खत्म नहीं हुई।

अक्षय तृतीया पर स्नान का खास महत्व माना गया है। कई लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। स्नान के साथ सूर्य देव की उपासना से स्वस्थ शरीर मिलता है,रोगों का नाश होता है। पुराणों में महादान का महत्व बताया गया है, जिसमें हाथी, घोड़ा, कन्या का विवाह, सोना, चांदी, वस्त्र और भूमि दान का खास महत्व होता है। इस दिन संपन्न हुए विवाह बंधन सुखी होते है, यही वजह है की अक्षय तृतीया पर कई विवाह सम्मेलन आयोजित होते हैं।

अक्षय तृतीया पर वैसे तो किसी भी चीज का दान किया जा सकता है, पर कुछ लोग राशि के अनुसार भी दान करते हैं। जरुरतमंद को आटा, आम, जौ, गुड़, चना, नमक, घी, कपड़े और पानी के घड़ों का दान करना बहुत अच्छा माना जाता है। वैसे तो मनुष्य को अपनी आय का आधा हिस्सा वर्ष में एक बार जरुर दान करना चाहिए, जिससे मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी होती है। किसी का एक दान किसी और के लिए वरदान बन सकता है। जिस प्रकार प्रकृति सभी को बराबर समझकर जीवन चलाती है, उसी तरह जरुरतमंद को कुछ मदद देने से अनंत काल तक सुख मिलता है। दान करते वक्त भावना का अच्छा होना भी बहुत जरुरी है। ये ना समझे की अपने से छोटे को दे रहे हैं, बल्कि इसे आनंद के साथ बांटे, तभी दान सफल होगा।