अमेरिकी सेनिकों के अफगानिस्तान (Afghanistan) छोड़ने और तालिबान को सत्ता सौंपने के बाद से अफगानिस्तान (Afghanistan) में महिलाओं के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। पहले जहां तालिबान ने महिलाओं की शिक्षा पर प्रतिबंध लगाया था। उसके बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) की सत्ता का काबिज में तालिबान लगातार नए फरमान लागू करता जा रहा है। जहां अपने एक फरमान से महिलाओं के सजने संवरने का अधिकार छीन लिया गया। वहीं आज अफगानिस्तान (Afghanistan) में पुरुषों को लेकर भी नया नियम लागू करने की घोषणा की है।
अफगानिस्तान (Afghanistan) में महिलाओं की आज़ादी ख़त्म की
यूं तो कई देशों में महिला आबादी पर हमेशा कोई न कोई संकट मंडराता रहता है। विशेष रुप से कट्टरपंथी देशों में महिलाओं को कई तरह की बंदिशों का सामना करना पड़ता है। फिर चाहे उनको मिलने वाले शिक्षा जैसे मौलिक अधिकार की बात हो या फिर उनके परदे में रहने की। फरमान कुछ भी हो कट्टरपंथी देशों में महिलाओं को मानना ही पड़ता है।
अफगानिस्तान में सरकार चला रहे तालिबान ने अपने देश में कई ऐसे नियम लागू कर रखे हैं। हालांकि तालिबान के नैतिकता एवं दुराचार उन्मूलन मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस मामले पर कुछ ऐसा नहीं कहा है कि सैलून बैन का फैसला नहीं मानने वालों को कौन सी सजा दी जाएगी।
अफगानिस्तान (Afghanistan) में महिलाओं से छीना गया शिक्षा का अधिकार
तालिबान सरकार ने दिसंबर 2022 में ही महिलाओं की यूनिवर्सिटी में जाकर एजुकेशन हासिल करने पर रोक लगा दी थी। तालिबान के इस फैसले को लेकर दुनियाभर में उसकी निंदा भी हुई थी। अफगानिस्तान में पिछले साल अगस्त में तालिबान के सत्ता संभालने के बाद से ही इस बात की आशंका जताई गई थी कि ये संगठन लड़कियों को शिक्षा और उनकी आजादी से दूर सकता है।
हालांकि, तालिबान ने धीरे-धीरे इस आशंका को हकीकत में बदल दिया है। तालिबानी सरकार ने 12 सितंबर 2022 को ऐलान किया कि महिलाओं को यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों में पुरुष छात्रों से अलग बैठना होगा। साथ ही फरमान दिया गया की लड़कियों को सिर्फ महिला टीचर्स ही पढ़ाएंगी। वहीं, हिजाब को ड्रेस कोड का जरुरी हिस्सा बना दिया गया था।
तालिबान ने महिलाओं के पार्क, मेले, जिम और पब्लिक बाथ में जाने पर रोक लगाई। कुल मिलाकर महिलाओं को पूरी तरह से घरों में सीमित कर दिया गया। वहीं, लड़कियों को पूरी तरह से शिक्षा से दूर कर दिया गया। तालिबान नेताओं ने 20 दिसंबर को महिलाओं के लिए यूनिवर्सिटीज में जाकर शिक्षा हासिल करने पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगाया है।
अब पुरुषों की टाई पर चली तालिबान की कैंची
तालिबान ने अब टाई पहनने वालों को सख्त चेतावनी दी है। तालिबान ने कहा है कि गले में पहना जाने वाला टाई ईसाई क्रॉस का प्रतीक है। ऐसे में इसे समाज से तुरंत हटा दिया जाना चाहिए। तालिबान ने यह भी कहा कि अगर कोई अफगान नागरिक नेकटाई को पहनते हुए दिखाई दिया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश के बाद से अफगानिस्तान का उच्च वर्ग खौफ में है। नेकटाई पहनने का रिवाज सिर्फ कुलीन अफगान घरानों में ही है। बाकी की आम अवाम कुर्ता पायजामा ही पहनती है।