सूर्य के उत्तरायण होने पर हम मकर संक्रांति का पर्व मनाते हैं। यह पर्व फसल, सूर्य देव और शनि देव से जुड़ा है। जो देशभर के हर राज्य में अलग-अलग तरह से मनाया जाता है। इस दिन तिल का खास महत्व माना गया है। मकर संक्रांति पर गुड़ और तिल से बनी चीजों का दान किया जाता है और इसे प्रसाद की तरह खाया भी जाता है। तो त्यौहार के अनुसार हम लेकर आएं है आपके लिए, Makar Sankranti Special लड्डू और डिश की रेसिपी और उनके फायदों की जानकारी …
तिल का खास महत्व संक्रांति पर
संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं। हिन्दू धर्म के अनुसार काली तिल का सबंध शनि से होता है और गुड़ सूर्य का प्रतीक माना गया है। यहीं वजह है कि मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ के लड्डू विशेष रुप से प्रसाद में बनाएं जाते हैं। लड्डू के साथ ही और भी चीजों का भोग (Makar Sankranti Special) तैयार किया जाता है, जो बेहद ही स्वादिष्ट होती हैं।
काली तिल के लड्डू (Makar Sankranti Special)
ये लड्डू बहुत ही कम समय में तैयार हो जाते हैं। बस सही माप का ध्यान रखना बहुत जरुरी है। 500 ग्राम तिल को सबसे पहले कड़ाही में हल्का सा भून कर रख लें। अब कड़ाही में थोड़ा सा घी डालें और 250 ग्राम गुड़ पिघलने दें। गुड़ पतला हो जाने पर उसमें तिल, इलाचयी पाउडर डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें और अपनी पसंद के अनुसार ड्राई फ्रूट्स और नारियल बूरा मिलाएं। लड्डू का मिक्चर तैयार है, अब इसे हल्का गर्म रहने पर ही गोल-गोल लड्डू का शेप दें।
सेहत के लिए तिल
गुड़ और तिल की तासीर गर्म होती है। दोनों ही चीजें सर्दी के प्रभाव से बचाने में फायदेमंद मानी जाती हैं। इसे खाने से शरीर को गर्माहट मिलती है।
उड़द दाल खिचड़ी
संक्रांति (Makar Sankranti Special) पर ये खिचड़ी कई राज्यों में बनायी जाती है। उड़द दाल की खिचड़ी बनाने के लिए कुकर में 2-3 चम्मच घी डालकर गर्म कर लें। अब इसमें जीरा, हींग, दाल चीनी, लौंग, काली मिर्च और बड़ी इलायची डालकर धीमी आंच पर भून लें। सभी खड़े मसाले भुन जाने पर टमाटर, हरी मिर्च, अदरक और हरी मटर डालकर पकाएं । सभी चीजें पक जाएं तो हल्दी डाले और एक कप उड़द दाल और आधा कप चावल मिक्स करें। अब नमक और लाल मिर्च और अन्य मसाले मिला लें। 1.5 कप पानी डालकर कुकर बंद कर लें। 2 सीटी आने पर गैस बंद कर दें। गर्मागर्म खिचड़ी तैयार है, इसे हरी चटनी के साथ खाएं, बेहद स्वाद लगेगी।
खिचड़ी के फायदे
खिचड़ी में मिलाएं जाने वाली सभी सब्जियां शरीर को गर्माहट तो देती ही है। इसके साथ पाचन के लिए अच्छी रहती है। चालव समृद्धि का प्रतिक माना जाता है। जिसे भोग में शामिल करने से अर्थ होता है वनस्पति में समृद्धि बने रहे।
मंगोड़े
मंगोड़े बनाने के लिए आपको हरी छिलके वाली दाल लेनी है। 4-5 घंटे या रातभर पानी में भिगो दें। सुबह दाल मिक्सी में दरदरा पीस लें। आपको दाल में बहुत कम पानी ही डालना है ये ज्यादा पतली नहीं होनी चाहिए। पिसी दाल को किसी बड़े बर्तन में निकाल लें और इसमें सारे मसालों को मिला लें और दाल को फैंट लें। मिश्रण में अदरक, हरी मिर्च, हरा धनिया और हरी प्याल को मिक्स कर लें। एक चौड़ी कड़ाही में तेल गरम कर लें। अब एक एक करके 8-10 मंगोड़े डीप फ्राई करें। थोड़ा ब्राउन और क्रिस्पी होने तक मंगौड़े फ्राई करने हैं। गरमा गरम मूंग दाल के मंगौड़े तैयार हैं। जिनका आनंद हरे धनिये की चटनी के साथ लें। इसके साथ इमली की खट्टी चटनी भी अच्छी लगती है।
सेहत पर प्रभाव
मूंग दाल सर्दी के मौसम में शरीर को गर्माहट देती हैं। ये दाल पाचन के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है। सर्दियों में हमेशा कुछ चटपटा खाने का मन करता है, ऐसे में पाचन में हल्की होने की वजह से मंगोड़े बहुत सही है। साथ ही हरी चटनी शरीर को ऊर्जावान बनाती है।
इस दिन तिल के दान का भी विशेष महत्व
मकर संक्रांति के दिन तिल संबंधी कुछ काम करने से सोए हुए भाग्य को भी जगाया जा सकता है। मकर संक्रांति को तिल संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। मकर संक्रांति पर काली तिल और गुड़ का दान अवश्य करें। इस दान से शनि देव और सूर्य देव का आर्शीवाद प्राप्त होता है। गुड़ और तिल के दान से मान सम्मान में वृद्धि होती है, सूर्य की कृपा से करियर में लाभ मिलता है। तो संक्रांति पर सूर्य की उपासना करें, शनि देव को तिल चढ़ाएं और कुछ तिल जरुरतमंदों को दान अवश्य करें। अच्छी सेहत और सुखमय जीवन दोनों के लिए फायदेमंद है तिल।