ये हैं IAF कॉम्बैट की कमान संभालने वाली पहली महिला ऑफिसर

भारतीय महिला आज हर जगह अपनी काबिलियत के झंडा फहरा रही हैं। ऐसी ही एक महिला है जिनके हुनर ने नया इतिहास सुनहरे पन्नों में लिखा दिया है। ये महिला कोई और नहीं बल्कि भारतीय वायुसेना की पायलट शालिजा धामी (Shaliza Dhami) हैं। वे वायुसेना की पहली ऐसी महिला अफसर बन गई हैं, जिन्हें फ्रंटलाइन कॉम्बेट यूनिट की कमान सौंपी गई। पायलट शालिजा की ये उपलब्धि हर महिला के लिए प्रेरणा बन गई है। उनके जीवन के अब तक के सफर को करीब से जानते हैं-

महिला अधिकारी को सौंपी गई कमान 

Shaliza Dhami

वायुसेना के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक महिला अफसर को फ्रंटलाइन कॉम्‍बेट यूनिट की कमान सौंपी गई। दिन था वायुसेना दिवस के जश्न का। 91वें एयर फोर्स डे पर प्रयागराज के बमरौली एयरफोर्स बेस पर कार्यक्रम  आयोजित हुआ। जिसमें परेड की अगुवाई पहली बार एक महिला अधिकारी ने की। ये महिला भारतीय वायुसेना की होनहार पायलट शालिजा धामी थीं।

मिसाइल स्क्वॉड्रन का नेतृत्व भी किया इन्होंने 

शालिजा धामी (Shaliza Dhami) एक हेलिकॉप्टर पायलट हैं। वे वेस्‍टर्न सेक्‍टर में मिसाइल स्क्वॉड्रन का नेतृत्व भी करती हैं। साल 2003 में वे वायुसेना में कमीशंड अफसर बनी थीं। इसी साल मार्च 2023 में ग्रुप कैप्‍टन शालिजा धामी को वेस्‍टर्न सेक्‍टर के फ्रंटलाइन कॉम्‍बेट यूनिट की कमान का हेड चुना गया। शालिजा 2800 घंटे से ज्यादा की उड़ान भर चुकी हैं। उनकी काबिलियत के बदौलत ही उन्हें वायुसेना दिवस पर परेड को की अगुवाई करने का अवसर मिला।

2003 में भरी पहली अकेले की उड़ान  

Woman Officer Command

शालिजा धामी का जन्म पंजाब के लुधियाना में हुआ है। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में प्रौद्योगिकी में ग्रेजुएशन किया है। धामी ने अपनी पहली अकेले की उड़ान 2003 में एचएएल एचपीटी-32 से भरी थी। शालिजा धामी को 20 दिसंबर 2003 को शॉर्ट-सर्विस कमीशन पर वायु सेना में एक फ्लाइंग ऑफिसर नियुक्त किया गया। उसके बाद 20 दिसंबर 2005 को फ्लाइट लेफ्टिनेंट बनीं।

कई बड़ी उपलब्धि की हासिल 

Woman Officer Command

साल 2009 में वे स्क्वाड्रन लीडर के रुप में पदोन्नत हुईं। 2016 को पदोन्नत होकर विंग कमांडर से शालिजा धामी 2019 में फ्लाइट कमांडर बनीं। ऐसा करने वाली वह भारत की पहली महिला अधिकारी थीं। वह हिंडन वायु सेना स्टेशन पर चेतक हेलीकॉप्टर इकाई की फ्लाइट कमांडर हैं। शालिजा धामी चेतक और चीता हेलीकॉप्टरों के लिए भारतीय वायुसेना की पहली महिला उड़ान प्रशिक्षक भी बनी चुकीं है। वे भारतीय वायुसेना की पहली महिला उड़ान प्रशिक्षक भी हैं।

अपनी सफलता पर उनके हैं ये विचार

Shalija Dhami

जहां इस महिला की हर तरफ तारीफ हो रही है, वहीं शालिजा धामी की सोच इन सभी से परे है। वे अपनी हर कामयाबी को साधारण तौर पर ग्रहण करना पसंद करती हैं। उनके अनुसार परेड की अगुवाई करने का अनुभव महिला और पुरुष दोनों कमांडर के लिए एक जैसा होता है। भारतीय वायुसेना की इस पायलट का ये अंदाज भी बहुत खास है। शालिजा धामी आज हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं।