इस वर्ष सर्वार्थ सिद्धि योग में 9 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा मनाई जा रही है। इस वर्ष मां लक्ष्मी की पूजा से धन प्राप्ति के प्रबल योग कई राशियों में बन रहे हैं। मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा करना भी जरुरी है। शरद पूर्णिमा पूजा के प्रभाव से जातक को जीवन में कभी धन का अभाव नहीं होता है। तो बताते है शरद पूर्णिमा से जुड़ी कई मान्यताओं के बारे में और कैसे करना चाहिए इस पूजा को..
हर साल अश्विनी मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा मनाई जाती है, ये मां लक्ष्मी का जन्मदिवस माना गया है। मान्यता के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन ही मां लक्ष्मी समुद्र मंथन के दौरान क्षीर सागर से प्रकट हुई थी, इसलिए इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। सुबह स्नान के साथ मां लक्ष्मी और विष्णु भगवान की पूजा करें। मां लक्ष्मी को मखाना, सिंघाड़ा, कमल का फूल, पान के पत्ते, सुपारी, इलायची और सफेद कौड़ी चढ़ाएं। यह सारी चीजें मां लक्ष्मी को अति प्रिय है।
इसके साथ ही आज के दिन खीर के प्रसाद का खास महत्व है। माना जाता है की शरद पूर्णिमा के दिन अमृत वर्षा होती है। इसलिए इस दिन चांद की रोशनी में केसर की खीर बना कर रखना चाहिए। सुबह उसे उठाकर मां लक्ष्मी को भोग लगाकर प्रसाद के रुप में ग्रहण करना चाहिए। यह प्रसाद स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना गया है, इससे कई सारी एलर्जी से जुड़ी समस्याओं में आराम मिलता है।
शरद पूर्णिमा के दिन अष्ट लक्ष्मी की पूजन को भी बेहद शुभकारी माना जाता है। इस दिन एक पूजा की सुपारी को कलावे से लपेटकर उसे अष्ट लक्ष्मी को अर्पित कर, अगले दिन अपने धन के स्थान पर रखें। इस प्रकार कार्य करने से धन का अभाव कभी नहीं होता है। अष्ट लक्ष्मी पूजन के प्रभाव से मां लक्ष्मी का घर में वास बना रहता है। मां की आराधना में वैसे वस्तुओं का अभाव हो सकता है, पर सच्चे मन से की पूजा हमेशा अच्छा परिणाम देती है। तो बस आज मां लक्ष्मी की अर्चना सच्चे मन से करें फल की मानना भूल शरद पूर्णिमा पर आकाश से गिरने वाली सकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण करें, कुछ देर सब भूलकर इन चांदनी को खुद में समा लें।