बृहस्पतिवार का दिन भगवान विष्णु का होता है। आज के दिन भगवान विष्णु के जाप और व्रत पूजा से जीवन में कई सफलताओं के द्वार खुलते हैं। ऐसा माना जाता है की केले के वृक्ष में विष्णु का वास होता है। यहीं वजह है की गुरुवार के दिन कई महिलाएं और पुरुष भी केले के वृक्ष की जड़ में चने की दाल और गुड़ चढ़ाकर उसका तिलक करते है। हमारे सभी ग्रहों में गुरु ग्रह (Jupiter Planet) का विशेष स्थान है, इसके मजबूत होने से ही सक्सेस मिलती है। तो जानते हैं क्या है गुरु का प्रभाव और कैसे इसे अपनी राशि में बनाएं मजबूत।
ग्रह के मजबूत और कमजोर होनो का असर
गुरु यानी बृहस्पति ग्रह का महत्वपूर्ण स्थान है। यह ग्रह सबसे शुभ और भाग्य के लिए जिम्मेदार माना जाता है। किसी भी कार्य में सफलता के लिए गुरु ग्रह (Jupiter Planet) का मजबूत होना जरुरी है। जब कुंडली (Kundali) में गुरु ग्रह मजबूत स्थिति में होता है, तो भाग्य का साथ मिलता है। जिस काम में हाथ डालते हैं वह सफल होता है। विवाह समय से होता है, शिक्षा अच्छी मिलती है।
वहीं यदि गुरु ग्रह कमजोर होता है तो फिर विवाह में देरी, काम में असफलता मिलती है। जीवन में निराशा जैसी नकारात्मकता बढ़ती हैं। जो काम शुरु करते हैं वह रुक जाता है। इसलिए गुरु का मजबूत होना जरुरी है, आज गुरुवार का दिन है, जो गुरु बृहस्पति को समर्पित है। आज के दिन आप गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए भगवान विष्णु की पूजा करें तो जीवन में सफलता मिलनी शुरु हो जाती है।
जीवन के कष्टों को होगा नाश
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की अराधना का विशेष महत्व है। आज के दिन की पूजा से मनुष्य को पिछले जन्म और इस जन्म दोनों के पापों से मुक्ति मिलती है और उसे पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही यदि पति-पत्नी दोनों साथ में आज के दिन (Jupiter Planet) भगवान की पूजा करते हैं तो वैवाहिक सुखों की भी प्राप्ति होती है। जीवन में आने वाले कष्टों से मुक्ति मिलती है। विष्णु जी के साथ मां लक्ष्मी की पूजा भी करना चाहिए, इससे घर में धन की कमी नहीं होती है।
पीले रंग का विशेष महत्व
वैसे तो भगवान अपने भक्त की साधारण पूजा से ही प्रसन्न हो जाते है पर, विष्णु जी की पूजा में पीले रंग का खास महत्व है। तो गुरुवार के दिन प्रात:काल सूर्योदय से पहले उठने का प्रयास करें और स्नान-ध्यान के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद उगते हुए सूर्यनारायण को जल में हल्दी मिलाकर अघ्र्य दें। भगवान विष्णु की पूजा में उनकी मूर्ति को स्नान कराने के बाद उन्हें पीले रंग के वस्त्र पहनाएं।
पूजा में पीले रंग के फूल और प्रसाद में पीले रंग की मिठाई चढ़ाएं। भगवान को हल्दी का तिलक करें और और उसे प्रसाद स्वरूप अपने माथे पर भी लगाएं। मान्यता है कि हल्दी के इस प्रसाद से भगवान विष्णु की कृपा बरसती हैं। सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके बाद तुलसी या फिर चंदन की माला से भगवान विष्णु के मंत्रों का कम से कम एक माला जाप करें। जो भक्त व्रत (Jupiter Planet) रखते हैं वे कथा जरुर पढ़ें।
व्रत में इन बातों का जरुर रखें ध्यान
जो भक्त गुरुवार का व्रत रखते हैं, वे आज के दिन पीले खाद्य पदार्थ का भोजन ही करें। भगवान को भोग भी पीले खाद्य पदार्थ का ही लगाएं। चूंकि केले के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास मना गया है तो याद रखें की आज के दिन केले का फल बिल्कुल भी ना खाएं। हां भगवान को भोग जरुर लगाया जा सकता है। इस व्रत की कथा सच्चे मन से पढ़े और अपने परिवारजनों को भी सुनाएं।
बस इस प्रकार गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की उपासना में कुछ समय बिताने से सफलताओं के द्वार खुल जाते हैं। जिसका प्रभाव आपको खुद कुछ ही दिनों में देखने को मिल जाता है। भक्त यदि सच्चे मन से अपने ईष्ट देव की आराधना करते हैं, तो भगवान भी उन पर अपनी आशीर्वाद बनाएं रखते हैं।