जगत के पालनहार भगवान विष्णु के आर्शीवाद से जीवन की हर समस्या का निदान होता है। यदि जीवन में लगातार असफलता मिल रही है तो, एक बार भगवान विष्णु के पूजन (thursday vrat katha) का प्रभाव जरुर देखिए। भगवान विष्णु का दिन गुरुवार माना जाता है। इस दिन कई लोग पीला व्रत करते हैं, भगवान विष्णु का पूजन करते हैं। इस व्रत के प्रभाव से मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। यदि घर में लंबे समय से आर्थिक तंगी छायी हुई है, तो इस पूजन (thursday vrat katha) से घर में समृद्धि आती है। भगवान विष्णु का व्रत (thursday vrat katha) बहुत साधारण होता है, बस जरुरी है की सही तरीके से इसे किया जाएं।
सच्ची आस्था के साथ करें पूजन
वैसे तो शास्त्रों के अनुसार किसी भी पूजन के लिए सिर्फ सच्ची भक्ति जरुरी है। ऐसे में जब हम व्रत रख रखें तो इस बात का विशेष ध्यान रखें की इस दिन किसी का अपमान ना करें। ना किसी को दुखी करें। भगवान विष्णु (thursday vrat katha) अपने भक्त की साधारण भक्ति से ही प्रसन्न हो जाते हैं। पर पूजन के लिए सही नियमों का ध्यान रखना भी जरुरी है।
केले के पूजन का विशेष महत्व
केले के वृक्ष में विष्णु भगवान का निवास माना जाता है। यही वजह है की बृहस्पतिवार के दिन केले के पौधे की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन व्रत (thursday vrat katha) ना रखने वाले भी सुबह स्नान के बाद चले की दाल और गुड़ को केले के वृक्ष की जड़ में अर्पित करें। वृक्ष को हल्की का तिलक लगाएं और जल चढ़ाएं। केला श्रीहरि की कृपा से शुभता और संपन्नता का वरदान देने वाला चमत्कारी पौधा माना गया है।
इस समस्याओं से मिलेगी मुक्ति
बृहस्पतिवार व्रत के प्रभाव से कुंडली में गुरु ग्रह भी मजबूत होते है। वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है। कुंवारी कन्याओं को व्रत के प्रभाव से मनचाहा वर मिलता है। विवाह में आने वाली हर बाधाएं भी दूर होती है। इससे युवाओं को रोजगार मिलता है, धन संपत्ति मे वृद्धि होती है। इसके साथ ही जो स्त्रियां केले के वृक्ष का पूजन करती हैं उनकी गृहस्थी में सुख-संपन्नता बनी रहती है।
कैसे करें व्रत
इस व्रत में सुबह स्नान कर व्रत रखें। इसके बाद केले के वृक्ष में चने की दाल और गुड़ चढ़ाएं। इसके बाद भगवान विष्णु का पूजन शुरु करें। विष्णु जी को पीला तिलक, पीले पुष्प अर्पित करें। प्रसाद में गुड़ और चने की दाल चढ़ाए। धूप बत्ती करें दीपक जलाएं। इसके बाद भगवान के सामने संकल्प लें की आप कितने व्रत रखेंगे और आपकी क्या मनोकामना है। इसके बाद भगवान विष्णु की कथा पढ़ें। कथा पढ़ते वक्त या सुनते वक्त ध्यान रखें की आपको जब तक कथा पूरी नहीं होगी। तब तक आपको अपनी जगह से उठना नहीं है, ना ही किसी से बात करना है। कथा समाप्त कर आरती करें, भगवान का प्रसाद सभी को बांटे, खुद भी ग्रहण करें। इस व्रत में एक टाइम ही भोजन करें और पीला भोजन ही करें। मार्केट में विष्णु भगवान की पूजन की कथा पुस्तिका आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं।
भूलकर भी नहीं करें ये कार्य
यदि आप बृहस्तपतिवार का व्रत रख रहे अथवा नहीं। दोनों की स्थिती में जीवन में शांति के लिए गुरुवार के दिन कुछ जरुरी काम कभी ना करें। जैसे गुरुवार के दिन घर में पोंछा ना लगाएं, महिलाएं बाल ना धोएं, कपड़े धोने वाले को ना दें, बाल ना कटवाएं। गुरुवार के दिन घर के जाले नहीं निकालने चाहिए साथ ही कबाड़ का सामान भी नहीं बेचना चाहिए। ऐसा करने से सुख-समृद्धि का नाश होता है और घर पर दरिद्रता छा जाती है। इन सभी बातों का ध्यान रख आप पूरी श्रद्धा के साथ विष्णु भगवान का व्रत करें। इस व्रत के प्रभाव से आपकी हर मनोकामना पूरी होती है।