इसलिए..दूसरे देश की नागरिकता ले रहे भारतीय

अपने देश से सभी को प्यार होता है, मिट्टी से जुड़ा व्यक्ति कही भी चला जाएं पर उनका दिल रहता वहीं का है जहां उसका जन्म हुआ। अपने देश से प्यार होते हुए भी दूसरे देश में बसना आश्चर्य जैसा लगता है, पर यही सच है ! जी हां केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में आकंडे पेश किए हैं। जिसमें ये बताया गया है कि पिछले तीन सालों में 3.92 लाख भारतीयों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी। यह आंकड़ा हर रोज बढ़ता जा रहा है तो बताते हैं, क्या वजह है कि देश से जुड़ा व्यक्ति हिन्दुस्तान की नागरिकता क्यों छोड़ रहा है और कहां जा कर बस रहे हैं वो….

इन आंकड़ों के बाहर आते ही सभी को लगता है कि कहीं कोरोना काल इसकी वजह तो नहीं पर ये बिल्कुल भी नहीं है। पलायन की मुख्य वजह है टैक्स से जुड़े सख्त नियम। बड़े-बड़े अमीर वर्ग के लोगों के लिए इन नियमों का पालन करना मुश्किल होता जा रहा है, जिस वजह से वे दूसरे देश की नागरिकता लेना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इसके साथ ही लक्जरी लाइफ पसंद करने वाले, अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य की चाहत में भारतीय दूसरे देशों में जाकर बस रहे हैं।

बीते तीन सालों में 3.92 लाख भारतीयों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी। जिनमें से 1 लाख 70 हजार 795 भारतीयों ने अमेरिका की नागरिकता ली है। तीन साल के अलग-अलग आंकड़ों के अनुसार साल 2019 में 1,44,017 भारतीयों ने देश छोड़ा जिसमें से 61,683 अमेरिका में बसे। 2020 में 84,256 भारतीयों ने देश छोड़ा जिसमें से 30,828 ने अमेरिका में बसे। साल 2021 में 1,63,370 भारतीयों ने देश छोड़ा और उनमें से 78,284 लोग अमेरिका में जाकर बसे। इसके अलावा तीन सालों में 58,391 भारतीय ऑस्ट्रेलिया में जाकर बसे, 64,071 भारतीय कनाडा में बसे, 35,435 भारतीय ब्रिटेन में बसे, 6,690 भारतीय जर्मनी में बसे, 12,131 भारतीय इटली में बसे 8,882 भारतीय न्यूजीलैंड में बसे और 48 भारतीय लोगों ने पाकिस्तान की नागरिकता ली।

जमे हुए बिजनेसमैन भारत में ही है पर नए उभरते युवा उद्योगपति अपने हुनर का विदेश में भी डंका बजवाना जानते हैं। यही वजह है कि वे बिना डर के देश के बाहर जाकर वहां अपने हुनर का प्रचार करना पसंद कर रहे हैं। अपने पैसों का निवेश अच्छे लीगल सिस्टम के साथ करना युवाओं को सही लग रहा है। इन आंकड़ों से ये साबित होता है कि दुनिया में अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों के लिए भारत सबसे बड़ा सोर्स कंट्री बनता जा रहा है।

अमेरिका कि बड़ी-बड़ी कंपनियों को भारतीय लीड कर रहे हैं। अपने हुनर और मेहनत से वो दूसरे देशों के लोगों के साथ कदम से कदम मिला कर चल रहे हैं। जिसमें सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की है। देश की तरक्की के लिए ये पलायन अच्छा है। पर कुछ भारतीय ऐसे भी हैं, जो दूसरी वजहों से देश छोड़ कर जा रहे हैं। ये वे लोग हैं जो टैक्स से परेशान है या भारत में बढ़ते प्रदूषण से परेशान, अच्छी नौकरी की चाहत रखने वाले या बच्चों की अच्छी शिक्षा और सबसे ज्यादा जरुरी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित लोग। कुछ अपने बच्चों के साथ रहने की चाहत में बस रहे हैं विदेश में।