77वें स्वतंत्रता दिवस पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President of India) जी ने संबोधन दिया। देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। इसके साथ उन्होने (President of India) कई अहम बिंदुओं पर चर्चा की। उन्होने (President of India) बताया ये दिन इतिहास से पुन:जुड़ने का अवसर है।
स्वतंत्रता दिवस स्वंय के आकलन का अवसर
स्वतंत्रता दिवस हमारे वर्तमान का आकलन करने का दिन है। इसके साथ ही भविष्य की राह बनाने के बारे में चिंतन का दिन है। राष्ट्रपति जी (President of India)ने अपने संबोधन में मुख्य रुप से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना का देशवासियों से आग्रह किया।
दूसरे देशों में भारत (President of India) के प्रति विशेष गौरव का भाव
अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President of India) जी कहा की, “आज दूसरे देशों में भारत देश के प्रति विशेष गौरव का भाव देखा जा रहा है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर अग्रणी स्थान हासिल कर लिया है। जो देश के हर नागरिक के लिए गौरव की बात है। राष्ट्रपति जी ने बताया की भारत देश की महिलाओं ने ऐसे अनेक क्षेत्रों पर जगह बनाई है। जिसकी कभी कल्पना करना भी मुश्किल था। देश की आजादी में कई वीर महिलाओं का विशेष योगदान रहा है।
महिलाओं हो रहीं आर्थिक रुप से सशक्त
देशवासियों से आग्रह करते हुए राष्ट्रपति जी ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना की बात की। उन्होंने कहा की देश में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इससे परिवार और समाज में महिलाओं की स्थिती मजबूत होती हैं। मैं लोगों से आग्रह करती हूं, की वे महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दें। ताकि हमारी बेटियां साहस के साथ हर क्षेत्र में आगे बढ़े।
आजादी में भागीदारी निभाने वाली वीर महिलाओं को नमन
इस संबोधन में मुख्य रुप से वीर महिलाओं को नमन किया गया। राष्ट्रपति जी ने कहा की “मातंगिनी हाजरा और कनकलता बरुआ ने भारत माता के लिए अपने प्राण दे दिए। मां कस्तूरबा, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ कदम मिलाकर चलती रहीं। सरोजिनी नायडु, अम्मू स्वामीनाथन ने इतिहास रचा। रमा देवी, अरुणा आसफ़ अली और सुचेता कृपलानी का आजादी में विशेष योगदान रहा। सभी ने नई पीढ़ी के लिए प्रेरक आर्दश प्रस्तुत करने वाले कार्य किए”।