महिलाओं के साथ बढ़ते अपराधों को देखते हुए कुछ विशेष कानूनों (Section 375) में बदलाव किया जा रहा है। गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में इससे संबंंधित 3 नए कानून लाने का प्रस्ताव रखा है। जिसमें भारतीय दंड संहिता के कुछ कानूनों (Section 375) में बदलाव और कुछ नए कानूनों को शामिल किया जा रहा है। जिसमें नाबालिग से रेप और नाबालिग पत्नी से यौन संबंध बनाने जैसे कानूनों (Section 375) में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने 11 अगस्त 2023 को लोकसभा में महिलाओं से संबंधित 3 अहम बिल पेश किए। जिसमें कुछ में बदलाव किया गए है, तो कुछ नए कानून पेश किए गए हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 375 में रेप से संबंधित कानूनों का जिक्र है। जिसमें कई तरह की बातों को ध्यान रखकर कानून बनाया गया है। कुछ नियमों को लेकर कई बार अपवाद भी बना रहा। जैसे की यदि पत्नी की उम्र 15 साल से कम नहीं है और पति अपनी पत्नी से संबंध बनाता है तो वह रेप नहीं माना जाएगा। ऐसे ही तीन अहम कानूनों में अब बदलाव किया जा रहा है।
पहला नया कानून
नए कानून (Section 375) में अनुसार ‘पत्नी की उम्र यदि 18 साल से कम है तो पति उसे यौन संबंध के लिए फोर्स नहीं कर सकता है। ये कानूनन अपराध माना जाएगा। यहां ध्यान देने वाली बात ये भी है की भारतीय कानून में लड़कियों के विवाह की उम्र 18 वर्ष पहले से ही तय की गई है। आसान भाषा के अनुसार यदि पति अपनी पत्नी से यौनसंबंध बनाता है तो उसकी उम्र कम से कम 18 साल अवश्य होनी चाहिए।
पॉक्सो एक्ट में पहले ही जिक्र है इसका
जिस बिल को गृहमंत्री ने पेश किया है वो पहले से ही पॉक्सो एक्ट में शामिल है। Pocso कानून यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण के लिए बनाएं गए हैं। जिसके अनुसार 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ सभी सेक्सुअल संबंधों को अपराध के दायरे में रखा गया है। यदि लड़की की उम्र 18 साल से कम है तो सहमति से बनाएं गए संबंध भी अपराध ही माने गए हैं।
दूसरा कानून
नए कानून(Section 375) के अनुसार गैंग रेप के सभी मामलों में 20 साल की सजा या आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही सबसे बड़ा निर्णय लिया गया है, 18 वर्ष से कम आयु की बच्चियों के मामले में। नाबालिग से दुष्कर्म में आरोपी को मृत्युदंड की सजा का प्रावधान किया गया है।
तीसरा कानून
कोई भी व्यक्ति यदि अपनी असली पहचान छुपाकर महिला के साथ संबंध बनाता है, तो उसे 10 साल की सजा हो सकती है। इसमें पहचान छिपाकर महिला से शादी करना, पदोन्नति और रोजगार के झूठे वादे की आड़ में यौन संबंध बनाना अपराध माना गया है। गृहमंत्री अमित शाह ने 1860 की भारतीय दंड संहिता को बदलने के लिए लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता विधेयक पेश किया। इसमें महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित प्रावधानों पर विशेष ध्यान दिया गया