चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3 Enters Lunar Orbit) ने आज शाम 7 बजे चंद्रमा के ऑर्बिट में प्रवेश कर लिया है। अब बस कुछ दिनों के बाद इसकी (Chandrayaan-3 Enters Lunar Orbit) सुरक्षित लैंडिंग चंद्रमा की सतह पर होगी। यहां तक की यात्रा की सफलता को लेकर इसरो के वैज्ञानिक पहले से ही वाकिफ़ थे। क्योंकि इससे पहले भी चंद्रमा पर भारतीय यान प्रवेश कर चुका है। अब बस 23 अगस्त का इंतजार है जब चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3 Enters Lunar Orbit)चंद्रमा की सतह पर लैंड करेगा।
#WATCH …लैंडिंग लगभग एक हफ्ते बाद होगी: चंद्रयान-III पर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह pic.twitter.com/3mJUOhZBxG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 5, 2023
क्या हुआ था 7 सितंबर 2019 को
7 सितंबर 2019 को इसरो का मून मिशन “चंद्रयान 2” को अपनी लैंडिंग के दौरान असफलता मिली थी। जो भारतीय वैज्ञानिकों के लिए बहुत बड़ी क्षति थी। कई सालों की मेहनत के बाद “चंद्रयान 2” को चंद्रमा पर भेजा जा रहा था। इस मिशन के फेल होने की मुख्य वज़ह थी इसकी हार्ड लैंडिंग।
लैंडिंग के दौरान टूटा था संपर्क
7 सितंबर 2019 को चंद्रमा की सतह पर उतरने की कोशिश करते हुए तय समय से थोड़ी देर पहले लैंडर विक्रम का संपर्क टूट गया था। 47 दिनों की यात्रा के बाद जब चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर चांद की सतह से महज 2.1 किलोमीटर दूर पर था तभी इसरो से उसका संपर्क टूटा। यदि ये मिशन सक्सेस होता तो भारत दुनिया का पहला देश बन जाता जिसका अंतरिक्षयान चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव के करीब उतरता।
क्या होती है हार्ड लैंंडिंग
स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग दो तरिके से होती है, सॉफ्ट लैंडिंग और हार्ड लैंडिंग। जब स्पेसक्राफ्ट गति को धीरे-धीरे कम करके चांद की सतह पर उतारा जाता है तो उसे सॉफ्ट लैंडिंग कहते हैं जबकि हार्ड लैंडिंग में स्पेसक्राफ्ट चांद की सतह पर क्रैश करता है। सॉफ्ट लैन्डिंग का मतलब होता है कि आप किसी भी सैटलाइट को किसी लैंडर से सुरक्षित उतारें और वो अपना काम सुचारु रूप से कर सके।
पुरानी गल़तियों से ली सीख
पुरानी गल़तियों से इसरो के वैज्ञानिकों ने बहुत कुछ सीखा है। कई प्रयासों के बाद इस बार चंद्रयान 3 चंद्रमा तक पहुंच चुका है। चंद्रयान 3 के साथ एक लैंडर, एक रोबर गया है। ऑर्बिटर हम पुराना वाला ही इस्तेमाल करेंगे जो चंद्रयान 2 के साथ गया था। चंद्रयान 3 के रोवर और लैंडर के नाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। चंद्रयान-3 के लैंडर का नाम ‘विक्रम’ और रोवर का नाम ‘प्रज्ञान’ है, जो चंद्रयान 2 में भी यहीं था। अब बस इसकी सॉफ्ट लैंडिंग का इंतजार है। जिसे लेकर वैज्ञानिकों को पूरा विश्वास है की इस बार सफलता जरुर मिलेगी। चंद्रयान 3 भारत की उम्मीदों का मिशन है। मिशन की सफलता के साथ अमेरिका, रुस और चीन के बाद भारत चौथा ऐसा देश बन जाएगा जिसने चांद पर सॉफ्ट-लैंडिंग की होगी।
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