APJ अब्दुल कलाम का जीवन हमेशा घिरा रहा विद्यार्थियों से

भारत देश के 11 वें भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) जी की आज 8वीं पुण्यतिथी है। भले ही आज वें हमारे बीच नहीं पर उनके विचार हमेशा हमारे साथ रहेंगे। डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) जी एक प्रेरणादायक अस्तित्व के धनी थे, उनके विचारों ने देश को बहुत कुछ दिया है। उनकी मृत्यु के उपरांत उनकी कही बात कई दिनों तक चर्चा में थी। जिसमें एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) जी कहा था की “मृत्यु पर अवकाश नहीं, बल्कि काम जारी रहना चाहिए”। उनका जीवनकाल हमेशा काम में व्यस्त रहा और वे विद्यार्थियों से घिरे रहे।

APJ अब्दुल कलाम हैं हर विद्यार्थी के मार्गदर्शक

dr abdul kalam

‘मिसाइल मैन’ के नाम से मशहूर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का आज ही के दिन निधन हुआ था। साल 2015 में 27 जुलाई को IIM शिलांग में भाषण दे रहे थे। तभी दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था। उनके निधन से देश ने एक महान वैज्ञानिक खो दिया। कलाम साहब हर छात्र के प्रति बेहद स्नेह रखते थे। वे अक्सर स्कूल-कॉलेज में छात्रों से चर्चा करने जाते थे। वे उनके सवालों के जवाब भी देते और उनके मार्गदर्शक भी बनते। कलाम साहब से मिलना हर विद्यार्थी का सपना रहा।

APJ अब्दुल कलाम जी का देश की उन्नति में है विशेष योगदान

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डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जी ने भारत के बैलिस्टिक मिसाइल और अंतरिक्ष कार्यक्रमों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके किए गए कार्य की वजह से भारत एक परमाणु शक्ति के रुप में स्थापित हुआ। उन्होंने ISRO के PSLV और GSLV उपग्रह प्रक्षेपण वाहनों के विकास में समर्थन किया। उनके “विजन 2020” से देश प्रौद्योगिकी, शिक्षा और सतत विकास की ओर अग्रसर हुआ।

APJ अब्दुल कलाम ने चिकित्सा क्षेत्र में भी किये आविष्कार

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मिसाइल मैन का योगदान सिर्फ साइंस और मिसाइलों तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने हेल्थ केयर में भी विशेष कार्य किए। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सोमा राजू के साथ मिलकर उन्होंने बेहद सस्ता कोरोनरी स्टेंट (Coronary Stent) बनाया। जिसे “कलाम-राजू स्टेंट” नाम दिया गया। इस अविष्कार के चलते ही आज हार्ट डिजीज वाले लाखों मरीजों का इलाज हो रहा है।