देश की राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू जी (President Draupadi Murmu) के कार्यकाल को आज 1 वर्ष पूरा हो चुका है, आज 25 जुलाई के दिन ही उन्होंने देश के सर्वोच्च पद यानि कि राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण की थी। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन ने दौपदी मुर्मू जी (President Draupadi Murmu) को प्रशासित भारत की पन्द्रहवीं राष्ट्रपति के रुप में शपथ दिलवायी। राष्ट्रपति जी (President Draupadi Murmu) की एक बात जो सभी को आकर्षित करती है, वो है उनका सादा जीवन।
छोटे से गांव से राष्ट्रपति भवन तक का सफर
Congratulations to Rashtrapati Ji on her first year in office! Her tireless dedication to public service and relentless pursuit of progress are extremely motivating. Her various accomplishments reflect the tangible impact of her leadership. https://t.co/AefRDvVmJF
— Narendra Modi (@narendramodi) July 25, 2023
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ओडिशा के एक छोटे से गांव मयूरभंज की रहने वाली हैं, वे देश की करोड़ो महिलाओं की प्रेरणा का स्त्रोत हैं। उन्होने अपनी मेहनत और ज्ञान से इस पद को हासिल किया है। बीते 1 साल में वे कई सारे नए कार्य से जुड़ी। राष्ट्रपति मुर्मू जी, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के बाद देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनी हैं। इसके साथ ही वे पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति भी हैं। उन्होने सबसे कम में राष्ट्रपति बनने का रिकॉर्ड भी दर्ज किया है।
लड़ाकू विमान में भरी उड़ान
इसी वर्ष अप्रैल माह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने लड़ाकू विमान सुखोई में उड़ान भरी। ये उनकी पहली लड़ाकू विमान यात्रा रही। विमान ग्रुप कैप्टन नवीन कुमार तिवारी के नेतृत्व में राष्ट्रपति जी की ये उड़ान 25 मिनट की रही। राष्ट्रपति जी का विमान में उड़ान भरने का ये शानदार अंदाज सभी को बहुत लुभा गया।
अपने भाषण से जीता उपस्थित लोगों का मन
27 नवंबर 2022 के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने संविधान दिवस पर देश के बड़े-बड़े जजों के समक्ष अपने मन की बात प्रस्तुत की। जिसे सुनकर सुप्रीम कोर्ट सभागार में उपस्थित सभी लोग जोर-जोर से तालियां बजाने लगे। राष्ट्रपति मुर्मू जी ने अपने भाषण के अंत में कहा की ” हमेशा ज्यादा जेल बनाने की बात होती हैं, इस पर मेरा ये विचार है की ये कैसा विकास है, जेल तो खत्म होनी चाहिए?”। राष्ट्रपति जी के ये विचार लोगों के मन को छू गए, और तालियों की गड़गड़ाहट गूंज गई।
आसान नहीं रही डगर
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने एक टीचर के रुप में अपने करियर की शुरुआत की और फिर उन्होंने ओडिशा के सिंचाई विभाग में क्लर्क के पद पर भी नौकरी की। इसके बाद वे उड़ीसा की आदिवासी महिला नेता और झारखंड की गवर्नर बनी। जीवन में आयी सभी मुश्किलों को पार कर वे आज इस मुकाम तक पहुंची हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी को उनके 1 वर्ष के सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं।