Thursday, September 19, 2024
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अपने जुनून ने “गज़ल अलघ” को बनाया सबसे अलग

इन दिनों सोनी टीवी के शो “शार्क टैंक इंडिया” की चर्चा चारों तरफ हो रही है। जिसकी खास वजह है, इस शो का बिजनेस को बढ़वा देना। शो पर कई सारे बड़े बिजनेस इंवेस्टर बैठे हैं। जो नए रोजगार को बढ़वा देने के लिए इनवेस्ट करते हैं। इन्हीं बड़े बिजनेस सीईओ में से एक है  गज़ल अलघ, जो की मामाअर्थ कंपनी की सह संस्थापक और चीफ इनवेन्शन ऑफिसर हैं।

गज़ल अलघ भारत के चंडीगढ़ में पली बढ़ी है। आज की नारी के लिए वे प्रेरणा है। उनकी सबसे यूनिक बात ये है, कि वे ना तो किसी बिजनेस परिवार से हैं, ना ही उन्होने किसी बिजनेस स्कूल या आईआईएम से शिक्षा प्राप्त की है। इसके बावजूद उन्होने आज इतना बड़ा बिजनेस एम्पायर खड़ा कर दिखाया है।

गज़ल अलघ ने पंजाब यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त की। उसके बाद साल 2011 में उनकी शादी वरुण अलघ से हुई, उनके बेटे का नाम अगस्त्य अलघ है। मामाअर्थ की स्थापना 2016 में की गई। वर्तमान में मामाअर्थ की नेट वर्थ करीब 20 मिलियन डॉलर है।

गजल मानती हैं, की जरुरी नहीं सफलता के लिए शिक्षा प्राप्त कि जाए, जुनून होना ज्यादा जरुरी है। ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। जुनून हो तो कामयाबी मिलती ही है। गज़ल ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि जब उन्होने मामाअर्थ की स्थापना कि थी तब उनका बच्चा सिर्फ 6 माह का था, उनके बच्चे को कोई भी क्रीम सूट नहीं करता था, उसे एलर्जी होती थी। कई क्रीम यूज करने के बाद उन्होने खुद बच्चे के हिसाब से सही कॉस्मेटिक तैयार करने का निर्णय लिया, यही से शुरुआत हुई मामाअर्थ की। गजल ने खुद कई जानकारों से सलाह ली, सीखते-सीखते आगे बढ़ी।

आज मामाअर्थ बच्चे, मदर्स और कई तरह के फेमिली कॉस्मेटिक प्रोडेक्ट तैयार करता है। ये प्रोडेक्ट इंडिया में हर मदर्स की पहली पसंद बनते जा रहे हैं। गज़ल मानती है कि , किसी भी काम को करने की कोई उम्र नहीं होती, और एक मां होने के नाते उन्होने इस बात को समझा कि किसी से मदद लेने में कभी हिचकना नहीं चाहिए। मदद लेने से काम आसान होता है, एक मां के पास कई काम होते हैं। बच्चे को संभालने के साथ यदि खुद का कुछ करना है, तो मदद मांगने से मना न करे। नारी के लिए सब करना आसान हैं, बस जिद होना जरुरी है।

गजल अलघ कि सफलता की कहानी आज हर नारी को प्रेरणा देती है, छोटे बच्चे के साथ नया व्यापार शुरु कर उन्होने उन हजारों महिलाओं को रास्ता दिखाया है, जो कुछ करना चाहती है, पर जिम्मेदारियों के डोर से बंधी रह जाती हैं। अपने जीवन को संवारने वाली इस देवी “गजल अलघ” को अह्म देवी का नमन।

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