नर्मदा जयंती आज, स्नान का है खास महत्व

माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को प्रतिवर्ष नर्मदा जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष 7 फरवरी 2022 को है। मां नर्मदा की पूजा आराधना से जीवन में शांति और समृद्धि आती है। इस रोज नर्मदा नदी के स्नान का खास महत्व है,नर्मदा के तट पर बड़े-बड़े यज्ञ का आयोजन और भंडारे किए जाते हैं।

ऐसा माना जाता है कि नर्मदा जी की परिक्रमा करने से ही ऋद्धि-सिद्धी की प्राप्त होती है। नर्मदा को अलौकिक और पुण्यदायिनी भी कहा गया है। हिंदू ग्रंथ मत्स्यपुराण में बताया गया है कि यमुना नदी का जल 1 सप्ताह में, सरस्वती का जल 3 दिन में, गंगाजल उसी दिन और नर्मदा नदी का जल उसी क्षण मनुष्य को पवित्र कर देता है।

ऐसी मान्यता है कि एक बार भगवान शिव लोक कल्याण के लिए तपस्या करने मैखल पर्वत पहुंचे, तब उनके पसीने की बूंदों से इस पर्वत पर एक कुंड का निर्माण हुआ। जिसमें एक बालिका उत्पन्न हुई, जो शांकरी व नर्मदा कहलाई। शिव के आदेश पर वे नदी के रूप में देश के एक बड़े भूभाग में आवाज करती हुई बहने लगी। नर्मदा नदी का उद्गम स्थल मध्यप्रदेश के अमरकंटक में है, जो गुजरात के खंबात की खाड़ी में जाकर अरब सागर में मिल जाती है।

नर्मदा नदी कि महिमा का वर्णन चारों वेदों में किया गया है। भारत कि 7 धार्मिक नदियों में से एक है नर्मदा। जिसे भगवान शिव ने देवताओं के पाप धोने के लिए उत्पन्न किया था।