मानसून ने दस्तक दे ही है, कई राज्यों में जोरदार बारिश भी शुरु हो चुकी है। मुंबई के बड़े इलाकों में लोग जलभराव से परेशान हो रहे हैं। इस मौसम के आते ही कई सारे इन्फेक्शन भी अपना असर दिखाना शुरु कर देते हैं। बड़ों के साथ बच्चों के लिए भी ये मौसम बहुत मुश्किलों भरा रहता है। एक रिपोर्ट के अनुसार WHO ने एडवाइजरी जारी की है की इस साल कुछ नए वायरस असर दिखा सकते है। तो मौसम की शुरुआत में ही बात करते हैं, कैसे छोटे बच्चों और स्कूल जा रहे बच्चों को बारिश में होने वाले संक्रमण से बचाया जाएं…
मानसून में आमतौर पर बच्चों में सर्दी-खांसी की समस्या ज्यादा देखी जाती है। ऐसे में घर के बड़ों की जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों की अच्छे से देखभाल करें। मौसम कोई भी हो बच्चों का खेलकूद बंद नहीं होता है। वो अपने दोस्तों के साथ खेलेंगे भी और उन्हें पढ़ाई के लिए स्कूल भी जाना होगा। ऐसे में हमें वे सभी जरुरी काम करने है जो कोविड के समय हमने किए थे। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रख हर तरह के संक्रमण और बैक्टीरियल इंफ्केशन से बचा जा सकता है।
पेट को करें स्ट्रांग
मौसम के हिसाब से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भोजन के जरिए स्ट्रांग करें। उनके खाने में वे सारी चीजें शामिल करें जो इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक होती हैं। बच्चों के लिए दूध बहुत जरुरी है,तो बारिश में उन्हें हल्दी या शहद वाला दूध जरुर दें। ये उन्हें आने वाले वायरस से लड़ने की ताकत देगा। बच्चों की छोटी से टमी को जितना हो सके हेल्दी खाने से स्ट्रांग करें। भरपूर फाइबर को खाने में शामिल करें, पेट साफ रहेगा तो हर तरह की बिमारियां भी दूर होंगी।
बाहर के खानें को ना कहें
मानसून में बाहर का खाना सबसे ज्यादा शरीर को बीमार करता है, ऐसे में घर में थोड़ी मेहनत कर बच्चों की पसंद की सारी चीजें खुद बनाएं। ज्यादातर बच्चों को फास्टफूड पसंद होता है। कोशिश यहीं करें की वहीं चीज घर पर बना कर उन्हें दें। बच्चों के बताने के पहले उनके सामने उनकी पसंद का खाना रख दिया जाए तो वे बाहर का खाना नहीं मांगते हैं।
ठंडी और फ्रिज की चीजों को कहें ना
ज्यादातर हम यहीं सोचते हैं की सर्दियों में बच्चों को ठंडी चीजें नहीं देना चाहिए और बारिश में इन्हें देने में कोई प्रॉब्लम नहीं है। पर ये गलत है, बच्चों के लिए हर चीज मौसम के हिसाब से बदलती रहती है। अधिक बारिश से भी सर्दी लगती है तो उस मौसम में भी बच्चों को आइसक्रीम और फ्रीज की ठंडी चीजों से दूर रखें। ये मुश्किल काम है, पर बच्चों को लॉजिक के साथ समझाएं। स्कूल जाते छोटे बच्चों को पूरी जानकारी के साथ कोई बात समझायी जाएं तो वे समझते हैं। यदि बच्चा बहुत छोटा है, तो उनके सामने ठंडी चीजें लेकर ही नहीं आएं।
कपड़ों को रखें साफ
छोटे बच्चों को इंफेक्शन कई बार कपड़ों से भी होता है, तो इन दिनों उनके कपड़ों को डेटॉल के पानी में डालकर जरुर धोएं। ये बहुत आसान है, कपड़े साफ करने से बाद उन्हें एक ढक्कर डेटॉल के पानी में थोड़ी देर डूबोकर रखें फिर पानी से निकालकर सूखा लें। ये स्कूल जा रहे बच्चों की यूनिफॉर्म में भी किया जा सकता है।
बारिश में भी एक्टिविटी जारी रखें
ये सबसे जरुरी तरीका है अपने बच्चों को बिमारियों से दूर रखने का। बारिश के चलते बच्चों का बाहर पार्क या गार्डन में जाना बंद हो जाता है। ऐसे में घर में उनकी एक्टिविटी को जारी रखें। ये एक्टिविटी कुछ भी हो सकती है, खेलकूद, डांस, रस्सीकूद, एक्सरसाइज अन्य। इसके अलावा यदि वे किसी तरह की एक्टिविटी के लिए क्लासेंस जाते हैं तो उसे भी जारी रखना जरुरी है। छोटी उम्र के बच्चों के लिए जरुरी है कि वे स्पोट्स से जुड़े रहें, खेल बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
ड्राय फूड् से बनाएं स्ट्रॉग
फल और सब्जियां इन दिनों कई बार ताजी नहीं मिल पाती है। ऐसे में ड्राय फूड्स बच्चों के खाने में जरुरी शामिल करें। ब्रेकफास्ट में उनकी पसंद का कोई भी ड्राय फूड दें, किशमिश, काजू, बादाम। संभव हो तो सभी ड्राय फूड को पीसकर पाउडर तैयार कर उसे दूध में डालकर रोजाना पीनें को दें। हो सके तो ड्रायफूड् से हेल्दी लड्डू भी तैयार कर सकते हैं, बच्चों के ये लड्डू पसंद भी आते हैं।
बारिश में घरों में बंद ना होने दें बच्चों को
मौसमी वायरस से बच्चों को बचाने के लिए सावधानियां रखना बहुत जरुरी है पर किसी भी प्रकार की मुश्किल स्थिति में डॉक्टर से संपर्क जरुर करें। घर पर सावधानी बरतना जरुरी है, पर तबियत खराब होने पर डॉक्टर्स की सलाह से बच्चों के देखभाल करना ही सही होता है। इसके अलावा अपने बच्चों के हाथ समय-समय पर साफ करते रहें। छोटे बच्चें खिलौने को मुंह में डालते हैं, इसलिए उनके खिलौने को भी साफ रखें। इन सभी छोटी-छोटी बातों को ध्यान रखकर बारिश का इंज्वाय भी करें। ध्यान रखें बाहर बारिश हो रही है इसलिए बच्चों को अंदर सिर्फ टीवी ना देखने दें।
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