प्रधानमंत्री मोदी की जून में होने वाली अमेरिका यात्रा से पहले अमेरिकी सीनेट में खलबली माहौल है। इसकी एक बड़ी वजह भारतियों को मिलने वाले अमेरिकी वीसा को बताया जा रहा है। अमेरिकी वीसा का वेटिंग टाइम भारतीय लोगों के लिए किसी और देश की तुलना में सब अधिक है। PM मोदी की पहले अमेरिकी सीनेट की दो बड़ी बैठकें हुई जिसमे भारतीयों के लिए बी1 और बी2 कैटेगरी के वीसा का मालमा काफी चर्चा में रहा। अमेरिका के शीर्ष सांसदों ने भारत को एक महत्वपूर्ण भागीदार बताते हुए राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन से देश में वीजा वेटिंग टाइम के मुद्दे को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने का अनुरोध किया है। सीनेट की विदेशी संबंधों से जुड़ी समिति के अध्यक्ष बॉब मेनेंडेज और हाउस इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष माइकल वाल्ट्ज ने ‘कॉन्सुलर अफेयर बजट’ पर कांग्रेस की दो अलग-अलग सुनवाई के दौरान विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों से पूछा कि भारत में वीजा के लिए लोगों को 600 दिन तक का इंतजार क्यों करना पड़ रहा है?
मेनेंडेज ने कहा, “अमेरिका और भारत के लोगों के बीच मजबूत संबंध हैं। भारत अब ‘क्वाड’ का हिस्सा है। हम उसे अपने जीओस्ट्रैटजिक हितों में लगातार शामिल कर रहे हैं। न्यू जर्सी में बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकी और उनके परिवार रहते हैं। मैं भारत में बी1-बी2 आवेदकों के प्रतीक्षा समय को कम करने की दिशा में मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करता हूं।”
मेनेंडेज ने यह बात अमेरिकी सीनेट की विदेशी संबंधों से जुड़ी समिति की सुनवाई के दौरान कही, ‘हालांकि इसके बावजूद पिछले एक साल से भारत में पहली बार किसी बी1-बी2 आवेदकों को औसतन 450 से 600 दिन का इंतजार करना पड़ रहा है। यह वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक प्रतीक्षा समय है। इसमें 600 दिन क्यों लग रहे हैं?’ अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 21 से 24 जून को अमेरिका की यात्रा पर रहेंगे।
‘हाउस फॉरेन रिलेशन्स कमेटी’ की सुनवाई के दौरान सांसद वाल्ट्ज ने कहा, “मैं यूएस इंडिया कॉकस का सह-अध्यक्ष हूं। मुझे लगता है कि भारत से हमारे संबंध 21वीं सदी में हमारे सबसे अधिक परिणामी आर्थिक राजनयिक सुरक्षा संबंधों में से एक है। हालांकि, मुझे भारतीय अमेरिकियों तथा हमारे भारतीय सहयोगियों से लगातार प्रतीक्षा समय को लेकर शिकायतें मिल रही हैं। इस तथ्य के बावजूद कि भारत में हमारे दूसरे या तीसरे सबसे अधिक ‘कांसुलर’ मामलों के अधिकारी पदस्थ हैं।”
सांसद वाल्ट्ज ने आगे कहा, ‘मेरे पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार भारत के मुंबई में प्रतीक्षा समय औसतन 587 दिन है।’ वीजा मिलने में देरी से व्यापारिक संबंध भी प्रभावित होंगे। कांसुलर मामलों की सहायक विदेश मंत्री रीना बिटर ने कांग्रेस की दो अलग-अलग सुनवाईयों में सांसदों से कहा कि विदेश मंत्रालय इससे निपटने की पूरी कोशिश कर रहा है और इसके समाधान के लिए कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि वीजा प्रतीक्षा समय लगभग दो तिहाई तक कम हुआ है।