पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक कैल्शियम की जरुरत होती है। जिसकी वजह है मासिक धर्म, गर्भधारण, स्तनपान और मेनोपॉज। एक महिला अपने जीवन काल में इन सभी प्रक्रियाओं से होकर गुजरती है, और इन सभी के लिए शरीर को अधिक कैल्शियम की जरुरत होती है। यहीं वजह है की जहां एक पुरुष के लिए 1000 मिली ग्राम कैल्शियम काफी होता है वहीं महिलाओं को 1200 मिली ग्राम कैल्शियम की रोजाना जरुरत होती है। ऐसे में सहीं मात्रा में पूर्ति ना मिलने पर छोटी-छोटी समस्याएं गंभीर बीमारियों का रुप ले लेती हैं। तो कैसे होगी कैल्शियम की सही पूर्ति और क्यों जरुरी है कैल्शियम, जानते हैं…
शरीर में होने वाले बदलाव और खानपान है वजह
एक रिसर्च के अनुसार, दुनियाभर में करीब 3.5 बिलियन लोग कैल्शियम की कमी से जूझ रहे हैं। इस आंकड़े में अधिकांश महिलाएं हैं। जिसकी सबसे बड़ी वजह होती है उनका खान-पान और उनके शरीर में होने वाले बदलाव। आज कल छोटी बच्चियां को भी उम्र से पहले मासिक धर्म शुरु हो जाते हैं, ऐसे में उम्र के इस पढ़ाव पर उन्हें पोषण तत्वों से भरा भोजन मिलना जरुरी होता है। 4 से 18 साल की लड़कियों को करीब 1300 मिली ग्राम कैल्शियम की जरुरत होती है, क्योंकि इस दौरान उनकी कोशिकाएं बनती और नष्ट होती रहती हैं।
माताओं के लिए जरुरी अतिरिक्त कैल्शियम
एक महिला जैसे ही मातृत्व की ओर बढ़ाती हैं तो उन्हें अपने खान-पान में अधिक पोषण तत्वों और कैल्शियम सोर्स की जरुरत होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि माता और बच्चें दोनों को पोषण तत्व एक के खाने से ही मिलता हैं। स्तानपान के जरिए माता के शरीर के सारे आवश्यक तत्व बच्चें को मिलते हैं। इसलिए इस दौरान महिलाओं को अपने खाने में अधिक पोषण तत्वों को शामिल करना चाहिए।
कैल्शियम कमी की मुख्य वजह
महिलाओं को पीरिड्स के दौरान अधिक ब्लड फ्लो होने से कैल्शियम की कमी होती है। इसके साथ ही कम उम्र में गर्भपात होना, या कम उम्र में गर्भधारण करने पर इसकी कमी होती है। शरीर में विटामिन डी यदि सही मात्रा में नहीं होगा तो भी कैल्शियम की कमी होगी। इसके साथ ही अधिक प्रोटीन, शुगर, फैट वाला खाना खाने से इसकी कमी होती है। अधिक मात्रा में चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक, रिफाइंड शुगर और नमक का प्रयोग किया जाए तो भी कैल्शियम की कमी हो सकती है।
क्यों होती है कैल्शियम की जरुरत?
शरीर में कैल्शियम के जरिए ही हड्डियों को मजबूत किया जा सकता है। शरीर के घुटनों और जोड़ों में आगे जाकर किसी प्रकार की कमजोरी ना आएं दर्द की समस्या से ना जूझना पड़े, इसलिए कैल्शियम जरुरी होता है। कैल्शियम ह्दय गति को सामान्य रखने में सहायक होता है और वजन को भी संतुलित करने का काम करता है। महिलाओं जब मासिक धर्म की प्रक्रियां से गुजरती हैं तो उनकी हड्डियां में बहुत खिचाव और दर्द होता है ऐसे में पर्याप्त कैल्शियम से ये दिन आसानी से निकल जाते हैं। इसी प्रकार गर्भधारण, गर्भपात और मेनोपॉज के दौरान भी उनकी हड्डियों का मजबूत होना जरुरी है। नहीं तो इस सब प्रक्रियाओं से गुजरते-गुजरते वे कमजोर होने लगती हैं।
कैल्शियम की कमी से क्या समस्याएं होती हैं?
कैल्शियम की कमी से हाइपोग्लाइसीमिया, ऑस्टियोपोरोसिस जैसे समस्याएं होती हैं। इसके साथ ही ब्लड प्रेशर, मांसपेशियों और जोड़ों में जकड़न की समस्या भी इसके लक्षण हैं। दांतों में दर्द, ड्राई स्किन, नाखूनों का कमजोर होता और बाल झड़ने की समस्या भी कैल्शियम की कमी की वजह है।
कैल्शियम के सोर्स
कैल्शियम के सबसे अच्छे स्त्रोत डेयरी प्रॉडेक्ट्स होते हैं, जो की दूध, पनीर, दही है। इसके अलावा अंडे का सफेद हिस्सा। पत्तेदार हरी सब्जियां, दालें, ड्राई फ्रूट्स, ब्रोकली, पालक, टोफू, सोयाबीन,सोया मिल्क। इन सभी खाने की चीजों में समय-समय पर महिलाओं को अपने खाने में शामिल करना चाहिए। इससे साथ ही सुबह सूर्योदय की पहली धूप भी जरुरी है। सुबह की धूप से शरीर को विटामिन डी मिलता है, जो कैल्शियम को अवशोषित करता है। तो महिलाएं थोड़ा समय खुद के लिए निकालकर इस ओर ध्यान दें और अपनी खाने की थाली को भी कैल्शियम से युक्त बनाएं।