“लाइट ऑफ” कर आज पर्यावरण संरक्षण में दें अपना सहयोग

हर साल 25 अप्रैल को हम अर्थ आवर डे मनाते हैं, जिसका उद्देश्य होता है, दुनिया में ऊर्जा के बड़े स्तर पर खपत को बचाना। जिससे प्रकृति की सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन पर लोगों का ध्यान डाला जाएं। इस कार्य में पूरी दुनिया बड़े स्तर पर भाग लेती है, दुनिया भर में एक घंटे के लिए लोग बिना बिजली के रहते है। यह आंदोलन कई सालों से चला आ रहा है। ओडिशा के एक कलाकार ने अपने सेंड आर्ट के जरिए बिजली बचाने का संदेश दिया है, जो लोगों को इसका महत्व समझाने में सार्थक है।

इस समय बंद करें लाइट

अर्थ आवर डे तहत आज रात 8:30 बजे से 9:30 बजे तक बिजली बचाने के उद्देश्य से लोग अपने घरों की लाइट बंद रखेंगे। इस संबंध में बिजली वितरण कपंनियों ने भी उपभोक्ताओं से अपील की है की वे इस मिशन में भाग लें।

कब से शुरु हुआ ये मिशन

साल 2007 में पहली बार ये मिशन शुरु हुआ था। पर्यावरण के लिए ये  दुनिया का सबसे बड़ा जमीनी आंदोलन बन गया। साल 2007 से लेकर अब तक ये क्रम जारी है। इस आंदोलन में भारत सहित 172 देशों का समर्थन शामिल है। इस साल टाटा पावर ने अर्थ आवर को बढ़ावा देने के लिए वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर का समर्थन किया है।

बिजली उत्पादन से निकल रही विषैली गैस

कई शोधों में ये पता चला है कि बिजली उत्पादन के लिए कोयले का इस्तेमाल होता है जिससे निकलने वाली गैस अत्याधिक विषैली होती है। ये गैसें डीजल और पेट्रोल वाहनों की तुलना में कहीं ज्यादा प्रदूषण फैलाती हैं। यही नहीं, जिन फैक्ट्रियों में बिजली से चलने वाली कारें बनती हैं वहां भी विषैली गैसें निकलती हैं।

हमारी पूरी दुनिया बिजली के ईद गिर्द है, हम एक पल भी बिजली के बिना नहीं रह सकते हैं। जरा सी देर पावर कट होने पर हम बिजली विभाग का नंबर डायल करने लगते हैं। बिजली का हमारी पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ रहा है इस पर कभी हमारी ध्यान ही नहीं जाता है। अर्थ आवर डे का उद्देश्य यही है की लोग पर्यावरण के प्रति सजग हों। तो याद रखें 1 घंटा आज अपना समय इस कार्य में दें।