पाकिस्तान के बाद ब्रिटेन मार्केट से भी गायब हुए “टमाटर”  

पाकिस्तान में तंगी के हाल से तो हम सभी परिचित हैं, लोगों को खाने की हर चीजों के लिए तरसना पड़ रहा है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान में फल-सब्जी तक के लिए जनता तरस रही हैं। टमाटर यदि किसी को चाहिए तो वह 1 दिन में सिर्फ 3 टमाटर खरीद सकता है, स्टोर्स में ये नियमावली जारी है कि कोई भी व्यक्ति 3 से अधिक टमाटर नहीं खरीद सकता है, और इन तीन टमाटर को पाने के लिए लोग सुबह से लाइन में खड़े हो जाते हैं, और कीमत भी ज्यादा देनी पड़ती है। पहले श्रीलंका फिर पाकिस्तान और अब एक और देश का नाम इस श्रेणी में आ गया है, जो सब्जियों की तंगी से जूझ रहा है, जिसका नाम है “ब्रिटेन”। जी हां ब्रिटेन के कई बड़े स्टोर में सब्जियों के स्टॉल खाली पड़े हैं, और जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार प्रति व्यक्ति 3 टमाटर से ज्यादा टमाटर नहीं मिलेंगे किसी को भी।

ब्रिटेन के सुपरमार्केट में टमाटर के साथ कई सारी सब्जियां नहीं मिल रही हैं। जिसकी मुख्य वजह है दक्षिण यूरोप और उत्तरी अफ्रीका में खराब मौसम की वजह से फसलों की पैदावार कम होना। ब्रिटेन सर्दियों के मौसम में सब्जियों के लिए दूसरे देश पर निर्भर हो जाता है। ब्रिटेन के बड़े ग्रॉसरी कंपनी एस्डा ने टमाटर, मिर्च, खीरा, लेट्यूस, सैलेड बैग, ब्रोकाली, क्वॉलिफ्लॉवर और रसभरी के लिए नियमावली तय कर दी है, जिसके अनुसार सभी को 3 पैक से ज्यादा ये सब्जियां नहीं मिल सकती हैं। ग्रॉसरी कंपनी मॉरिसन ने टमाटर, खीरे, सलाद और मिर्च की खरीदी पर प्रति व्यक्ति 2 आइटम की लिमिट लगाई है।

ब्रिटिश रिटेल कंसोर्टियम जो कई सुपरमार्केट का प्रतिनिधित्व करता है, उसके अनुसार ये आपूर्ति का मुद्दा व्यापक है, दक्षिण यूरोप और उत्तरी अफ्रीका में खराब मौसम ने कई फसलों की कटाई को बाधित किया है। जिसकी वजह से हमें सब्जियां नहीं मिल रही है। यह समस्या चिंता का विषय है। फिलहाल ब्रिटेन के अनुसार लगभग ये स्थिति पूरे महीने भर बनी रहेगी। संसद मंत्री थेरेसे कॉफी के अनुसार यह अनुमान है कि यह स्थिति अगले दो से चार सप्ताह तक जारी रह सकती है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इसका वैकल्पिक स्त्रोत खोजने की कोशिशें शुरु करना चाहिए।

वैसे देखा जाएं तो ऐसा पहले भी हुआ है, जो देश किसी खाद्य सामग्री या फल सब्जियों के लिए किसी दूसरे देश पर निर्भर रहता है, उसे तंगी का सामना करना पड़ है। ऐसे में यह जरुरी है कि खुद इन व्यवसाय को शुरु किया जाए, ताकि इस तरह की मुश्किलों का सामना ना करने पड़े, तकनीके कई सारी आ रही हैं, जिनके जरिए अपने देश में ही खाद्य सामग्री, फल और सब्जियों का उत्पादन किया जा सकता है।