कुछ कह रही है प्रधानमंत्री जी की ये जैकेट…

आज सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जो जैकेट पहनी थी वह कोई आम जैकेट नहीं थी, बल्कि ये एक खास संदेश देने वाली जैकेट थी। हमारी प्रकृति इन दिनों जिस जहरीले प्लास्टिक से दूषित हो रही है, जिसे कूड़ा उठाने वाले कर्मचारी जगह-जगह से एकत्रित कर प्रकृति को दूषित होने से बचा रहे हैं, उसी प्लास्टिक की बोतलों से तैयार की गई है प्रधानमंत्री जी की ये जैकेट।

प्लास्टिक जिसे नष्ट नहीं जा सकता है, पर उसे रिसाइकिल कर नया रुप दे दिया जाए तो जल दूषित होने से बचेगा, पशुओं की इसे खाने से जो आकस्मिक मौते होती है, वह ना होगी। इसे नष्ट करने के लिए जलाने से जो प्रदूषण फैलता है वो ना होगा। इसी संदेश के साथ इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने खराब प्लास्टिक की बोलतों को रिसाइकिल कर ये सुंदर जैकेट तैयार की है। जिसका उद्देश्य है प्लास्टिक को पुन: इस्तेमाल कर कपड़ें तैयार करना।

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की पहल

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने हर साल 10 करोड़ PET बोतलों का रिसाइकिल करने की योजना तैयार की है। जिसमें रिसाइकिल होने वाली इन बोतलों से कपड़े बनाएं जाएंगे। इस नए तरह के अविष्कार को लोगों के सामने लाना बहुत जरुरी था इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री जी को ये जैकेट भेंट की गई थी। जिसे सदन में पहनकर प्रधानमंत्री जी ने इसके महत्व को बयां कर दिखाया। इंडियन ऑयल की ये भेंट की गई जैकेट अभी ट्रायल के तौर पर तैयार की गई थी, ट्रायल के लिए इंडियन ऑयल के कर्मचारी भी इससे बने कपड़े पहनेंगे।

PET और PETE प्लास्टिक से बनेंगे कपड़े

प्लास्टिक की मिनरल वाटर वाली सभी बोतलों पर आमतौर पर नीचे कोड के साथ PETE या PET लिखा होता है। जो प्लास्टिक के प्रकार को दर्शाता है। दरअसल हर प्लास्टिक की वस्तुओं को इस्तेमाल करने की एक लिमिट होती है। उससे अधिक उसे प्रयोग में लाना, खतरनाक रोग को निमंत्रण देना जैसा है।

क्या होता है PET और PETE

तो यहां PET या PETE से उस प्लास्टिक से मतलब है, जो सबसे आम प्रकार का होता है।  जिसे हम औसत पेय की बोतलों के रूप में इस्तेमाल करते हैं जैसे कि कोल्ड ड्रिंक की बोतल, जार, ओवन-ट्रे, डिटर्जेंट और क्लीनर कंटेनर। इसके अलावा लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले, गिटार, पियानो वगैरह की फिनिशिंग के लिए भी इस ‘प्लास्टिक पॉलिमर’ का उपयोग होता है। PET  छिद्रपूर्ण, बैक्टीरिया और अवशिष्ट पदार्थों को इकट्ठा करने की प्रवृत्ति वाला होता है, जिसका अर्थ है कि इस प्लास्टिक का लंबे समय तक उपयोग करना हानिकारक हो सकता है। लंबे समय तक इस प्लास्टिक से बनी चीजों में यदि कोई द्रव रखा जाए तो इसमें  “एंटीमनी” नाम का एक पदार्थ पैदा होने लगता है। PET को सिंगल यूज या यूज एंड थ्रो प्लास्टिक माना गया है, इसका रिसाव खतरनाक साबित हो सकता है। इसे केवल एक बार इस्तेमाल करना होता है और गर्म जगहों से दूर रखा जाना उचित होता है।

पानी की होगी बचत 

इंडियन ऑयल के अनुसार इस  नए तरह के कपड़ों के एक पूरे जोड़े को तैयार करने में कुल 28 प्लास्टिक बोतलों का प्रयोग किया जाता है। इस पहल से पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी साथ ही पानी की भी बचत होती। कॉटन के कपड़े बनाने में कलर करने के लिए अधिक मात्रा में पानी का यूज होता है। वहीं इस नए तरह के कपड़ों में पॉलीस्टर की डोप डाइंग की जाएगी, जिसमें पानी की बिल्कुल प्रयोग नहीं होगा।

इंडियन ऑयल ने अपना लक्ष्य तैयार कर लिया है। वे PET बोतलों का इस्तेमाल कर सशस्त्र बलों के लिए नॉन-कॉम्बैट यूनिफॉर्म बनाएंगे। इस रिसाइकिल बोतलों से बनी जैकेट की रिटेल मार्केट में कीमत 2000 रुपए है। प्रधानमंत्री जी की इस जैकेट को तमिलनाडु के करुर की कंपनी श्री रेंगा पॉलीमार्स ने तैयार किया है। इंडियन ऑयल ने गुजरात में प्रधानमंत्री के टेलर से यह जैकेट साइज में तैयार करवाई। इस तरह के जैकेट को बनाने में 15 बोतलों का इस्तेमाल किया गया है। प्लास्टिक बोतलों से कपड़े बनाने का पूरा काम ग्रीन टेक्टनोलॉजी पर आधारित है। कपड़ों को बनाने के लिए प्लास्टिक बोतलें रिहायशी इलाकों से एकत्रित की जा रही हैं।

एक प्रयास बड़े बदलाव की ओर

प्लास्टिक बोतलों से बने ये कपड़े समाज में एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं। एक मनुष्य अपने जीवन में हर माह कपड़ों की सबसे अधिक खरीदी करता है, उन्हें बदलता रहता है, उन्हें धोता है, उनपर लाखों रुपए खर्च करता है। पर ये प्लास्टिक से बने कपड़े रिसाइकल होते जाएंगे और पानी की भी बचत करेंगे।  इसके साथ ही इन्हें बाजार में कम दामों में लाया जाएगा। प्रकृति को दूषित होने से बचाने में यह एक बड़ा प्रयास साबित हो सकता है।