Tirupati Temple : भक्ति और आस्था का केंद्र भगवान वेंकटेश्वर की भूमि

Tirupathi Temple – तिरुपति मंदिर, जिसे तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, भारत के आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित है। यह मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है, जो भगवान विष्णु का एक रूप माने जाते हैं। तिरुपति मंदिर विश्व के सबसे अमीर और लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। इसकी स्थापना का इतिहास और यहाँ की धार्मिक मान्यताएँ भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। तिरुपति के दर्शन के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं, और यहाँ की दिव्य महिमा सभी को आकर्षित करती है।

पौराणिक है तिरुपति मंदिर का इतिहास

मंदिर का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। इसका निर्माण विभिन्न शासकों के अधीन हुआ, जिनमें चोल, चालुक्य और रयालास शामिल हैं। मान्यता है कि भगवान वेंकटेश्वर ने यहां अवतार लिया था, जब देवी लक्ष्मी ने धन से जुड़ी कठिनाइयों के कारण उन्हें छोड़ दिया था।

पत्नी वियोग में भगवान ने लिया अवतार(Tirupathi Temple)

कथा के अनुसार,  एक बार देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु के बीच विवाद होता है। इस विवाद से देवी लक्ष्मी, जो धन और समृद्धि की देवी हैं, भगवान विष्णु से नाराज होकर अपने मायके लौट जाती हैं। भगवान विष्णु इस स्थिति से अत्यंत दुखी होते हैं। देवी लक्ष्मी के जाने से सारे संसार का धन और ऐश्वर्य भी चला जाता है। दूसरी ओर भगवान विष्णु को भी अपनी पत्नी देवी लक्ष्मी की याद सताने लगती है।
Tirupati Temple
अपने दुख को दूर करने के लिए, भगवान विष्णु धरती पर अवतार लेने का निर्णय लेते हैं ताकि वे देवी लक्ष्मी को पुनः प्राप्त कर सकें।। इस अवतार के लिए उन्होंने तिरुपति की पहाड़ियों को चुना, जहां वे देवी लक्ष्मी के प्रति अपने प्रेम का प्रदर्शन कर सकें।

श्री पद्मावती समोवर मंदिर

यह मंदिर भगवान श्री वेंकटेश्वर विष्णु की पत्नी श्री पद्मावती लक्ष्मी जी को समर्पित है। कहा जाता है कि तिरुमला की यात्रा तब तक पूरी नहीं हो सकती जब तक इस मंदिर के दर्शन नहीं किए जाते।

सप्तगिरि रूप में हैं शेषनाग

ऐसा माना जाता है कि प्रभु विष्णु ने कुछ समय के लिए स्वामी पुष्करणी नामक सरोवर के किनारे निवास किया था। यह सरोवर तिरुमाला के पास स्थित है।
Tirupati Temple
तिरुमाला- तिरुपति के चारों ओर स्थित पहाड़ियाँ, शेषनाग के सात फनों के आधार पर बनीं ‘सप्तगिर‍ि’ कहलाती हैं। श्री वेंकटेश्वरैया का यह मंदिर (Tirupathi Temple) सप्तगिरि की सातवीं पहाड़ी पर स्थित है, जो वेंकटाद्री नाम से प्रसिद्ध है।

धार्मिक महत्व

तिरुपति मंदिर (Tirupathi Temple) का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। यहाँ आने वाले भक्तों का मानना है कि भगवान वेंकटेश्वर उनकी सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं। यहाँ की विशेष पूजा पद्धतियों और अनुष्ठानों से श्रद्धालु को मानसिक और आध्यात्मिक शांति मिलती है।

वार्षिक उत्सव और मेले

तिरुपति मंदिर(Tirupathi Temple) में अनेक वार्षिक उत्सव और मेले मनाए जाते हैं, जिनमें ब्रह्मोत्सव सबसे प्रमुख है। यह उत्सव हर साल सितंबर-ओक्टूबर में आयोजित होता है और इसमें विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान होते हैं। नौ दिनों तक चलने वाला यह पर्व साल में एक बार तब मनाया जाता है, जब कन्या राशि में सूर्य का आगमन होता है। इसके साथ ही यहाँ पर मनाए जाने वाले अन्य पर्व हैं – वसंतोत्सव, तपोत्सव, पवित्रोत्सव, अधिकामासम आदि।