सिंगापुर एयरलाइंस को विस्तारा (Vistara) और एयर इंडिया के बीच प्रस्तावित विलय के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की मंजूरी मिल गई है। भारतीय सरकार द्वारा स्वीकृति मिलने के बाद, सिंगापुर एयरलाइंस को इस विलय के तहत 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह समझौता इस साल के अंत तक पूरा होने की संभावना है। इस विलय की घोषणा नवंबर 2022 में की गई थी, और इसके संपन्न होने के बाद बनने वाली एयरलाइंस दुनिया के सबसे बड़े एयरलाइन समूहों में शामिल होगी।
एयर इंडिया का स्वामित्व टाटा समूह के पास है, जबकि विस्तारा (Vistara) का स्वामित्व टाटा और सिंगापुर एयरलाइंस के बीच 51:49 प्रतिशत की हिस्सेदारी में बंटा हुआ है।
शुक्रवार को, सिंगापुर एयरलाइंस ने सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में एक नियामक फाइलिंग में बताया कि भारत सरकार ने प्रस्तावित विलय के हिस्से के रूप में विस्तारा (Vistara) एयर इंडिया में एफडीआई की मंजूरी दे दी है। कंपनी ने यह भी बताया कि इस विलय के 2024 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।
पहले इस विलय के 31 अक्टूबर, 2024 तक पूरा होने की उम्मीद जताई गई थी। इस सौदे को जून में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) द्वारा अनुमोदित किया गया था। मार्च में, सिंगापुर के प्रतिस्पर्धा नियामक CCCS ने प्रस्तावित सौदे के लिए सशर्त मंजूरी दी थी।
इससे पहले, सितंबर 2023 में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने भी इस सौदे को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दी थी।
क्या है विस्तारा और सिंगापुर एयरलाइन मर्जेर
विस्तारा और सिंगापुर एयरलाइंस के बीच प्रस्तावित विलय एक महत्वपूर्ण उद्योग परिवर्तन है जो भारतीय और वैश्विक एयरलाइन क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ देगा। इस विलय के तहत सिंगापुर एयरलाइंस विस्तारा में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी प्राप्त करेगी, जिससे एक नई और शक्तिशाली एयरलाइन का निर्माण होगा।
यह विलय भारतीय एयरलाइन बाजार में एक महत्वपूर्ण ताकत के रूप में देखा जा रहा है। आपको बता दें कि इस मर्जर से टाटा समूह की वैश्विक एयरलाइन नेटवर्क में स्थिति और मजबूत हो जाएगी।
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