ओरल हेल्थ (Oral Health) केवल दांतों की स्थिति तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे समग्र हेल्थ का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ओरल हेल्थ का तात्पर्य मुंह, दांत, मसूड़े, जीभ और आसपास की संरचनाओं की कुल स्थिति और स्वास्थ्य से है। ओरल हेल्थ मसूड़ों, होंठ, मुंह की अंदरूनी सतह, और जीभ के स्वास्थ को भी दर्शाती है।
अच्छी ओरल हेल्थ का मतलब है कि हमारे दांत, मसूड़े और मुंह अच्छी स्थिति में हों। इससे न केवल हमारे आत्म-संयम और आत्मविश्वास में सुधार होता है, बल्कि यह हमारे संपूर्ण हेल्थ को भी प्रभावित करता है। चलिए जानते हैं आम ओरल समस्याओं के बारे में और उनके समाधान के बारे में।
दांतों में कैविटी या दांतों का सड़ना
दांतों में कैविटी तब होती है जब दांतों पर बैक्टीरिया का जमाव हो जाता है, जो अम्लीय पदार्थों का निर्माण करता है। यह अम्ल दांतों की एनामल को नुकसान पहुंचाता है। जिससे हमारे दांत सड़ने लगते हैं।
इस ओरल समस्या से बचाव के लिए नियमित रूप से ब्रश करें और फ्लॉस का उपयोग करें। साथ ही चीनी और खट्टे खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें। समय समय पर डेंटिस्ट से नियमित जांच करवाएं और कैविटी का इलाज कराएं।
मसूड़ों की बीमारी (गिंगिवाइटिस और पीरियोडोंटाइटिस)
मसूड़ों की सूजन, रक्तस्राव और दर्द आदि मसूड़ों की बीमारी का संकेत हो सकते हैं। यह अक्सर खराब ओरल हेल्थ के कारण होता है।
मसूड़ों की बिमारी से बचने के लिए रोजाना सुबह शाम ब्रश और फ्लॉस का उपयोग करें। यदि मसूड़ों में सूजन या दर्द हो, तो तुरंत डेंटिस्ट से मिलें।
सांस की बदबू (Oral Health) या हेलिटोसिस
सांस की बदबू आमतौर पर दांतों में बैक्टीरिया, गंदगी या अन्य ओरल समस्याओं के कारण होती है। इस स्थिति से निपटने का सबसे कारगर उपाय है कि अछे से दांत और जीभ की सफाई की जाए।
इसके अलावा कुछ भी खाने के बाद पानी पियें और मुंह को स्वच्छ रखें। सांस की बदबू से बचाव के लिए रिन्स या माउथवॉश का उपयोग करें।
दांतों की संवेदनशीलता या सेंसिटिविटी
जब आपको ठंडा या गर्म खाते समय दांतों में झंझानाहट महसूस हो तो यह सेंसिटिविटी का संकेत होती है।सेंसिटिविटी या दांतों की संवेदनशीलता दांतों का इनेमल पतला हो जाने के कारण होती है। जिससे ठंडा, गर्म या अम्लीय खाद्य पदार्थों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है।
सेंसिटिविटी से बचने के लिए संवेदनशील दांतों के लिए विशेष टूथपेस्ट का उपयोग करें। साथ ही ज्यादा गर्म या ठंडे खाद्य पदार्थों खाने से बचें। इस तरीकों के बाद भी यदि समस्या बनी रहे तो डेंटिस्ट की सलाह लें।
दांतों का रंग बदलना
दांतों का रंग बदलना, जैसे कि दांतों का पीला या भूरे रंग का होना, आमतौर पर अत्यधिक कैफीन, तम्बाकू या खराब ओरल हेल्थ के कारण होता है।
ऐसें में आप दांतों की सफाई के लिए प्रोफेशनल व्हाइटनिंग ट्रीटमेंट्स करा सकते हैं। साथ ही आपको मुंह से जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए धूम्रपान और अत्यधिक कैफीन के उपयोग से भी बचना चाहिए।
मुंह का कैंकर और अल्सर
मुंह का कैंसर एक बहुत ही भयानक स्थिति है, जिसमे कई बार मुंह के कई हिस्सों को काटकर निकालना पड़ता है। ऐसे में आपको तुरंत डेंटिस्ट की सलाह लेना जरुरी है।
दूसरी ओर मुंह में दर्दनाक अल्सर या घाव जो आमतौर पर लम्बे समय तक ठीक नहीं होते हैं। इन मुंह के अल्सर के दर्द को कम करने के लिए ओरल जेल या क्रीम का उपयोग करें। संतुलित आहार लें और विटामिन्स की कमी को पूरा करें। यदि अल्सर बार-बार होते हैं, तो डेंटिस्ट से संपर्क करें।
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