दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में IAS कोचिंग संस्थान में हुए हादसे (Delhi Coaching Accident) पर छात्र लगातार विरोध जता रहे हैं। MCD मामले पर लगातार एक्शन ले रही है। इसी बीच मेयर शैली ओबेरॉय ने मृतक छात्रों के लिए एक और बड़ा ऐलान किया है। मेयर ने कहा है की मृतक छात्रों के नाम पर लाइब्रेरी बनाई जाएगी। इसके साथ ही दृष्टि कोचिंग के संस्थापक विकास दिव्यकीर्ति ने दुर्घटना में मारे गए छात्रों के लिए मुआवजे की घोषणा भी की है।
बेसमेंट में चल रहा था कोचिंग सेंटर
दिल्ली में कई बड़ी परीक्षाओं की कोचिंग चलती है, जिसमें देशभर के छात्र आते हैं। अपने भविष्य को संवारने के लिए ये छात्र इन क्लासेस में कड़ी मेहनत करते हैं। पर 27 जुलाई 2024 को कुछ ऐसा हुआ (Delhi Coaching Accident) जिसने पूरे देश को हिला दिया। राजेंद्र नगर में स्थित राव कोचिंग सेंटर जो एक बेसमेंट चलती थी वहां बारिश का पानी भर गया।
अचानक तेजी से आया बारिश का पानी (Delhi Coaching Accident)
पानी इतनी तेजी से आया और बेसमेंट में भरने लगा की छात्रों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया। इस हादसे में 3 छात्रों की मौत हो गई। जिसके बाद कोचिंग सेंटर पर सवाल उठने लगे की ज्ञान के मार्ग पर चलने वालें इन छात्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी थी।
विकास दिव्यकीर्ति ने की मदद की घोषणा
इस मामले में अब छात्रों के कई दिनों के हंगामें के बाद दृष्टि कोचिंग के संस्थापक विकास दिव्यकीर्ति ने मदद की घोषणा की है। विकास दिव्यकीर्ति ने घोषणा की है की वे दुर्घटना में मारे गए 4 छात्रों के लिए 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देंगे। इस हादसे में एक छात्र की मौत करंट लगने से हुई थी।
मृत छात्रों में विद्यार्थी नीलेश राय का निधन जलमग्न सड़क पर करेंट लगने से हुआ जबकि तीन विद्यार्थी श्रेया यादव, तान्या सोनी और निविन डाल्विन एक कोचिंग संस्थान की बेसमेंट में हुए आकस्मिक जल-भराव के शिकार हुए।
विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि यह समय निश्चित तौर पर चारों बच्चों के परिवारों के लिये अत्यंत कठिन है। इस अपार दुख में हम उनके साथ खड़े हैं। हम जानते हैं कि कोई भी राशि बच्चों के न रहने की पीड़ा को नहीं मिटा सकती, फिर भी इस दुख की घड़ी में अपनी साझेदारी व्यक्त करने के एक विनम्र प्रयास के रुप में, दृष्टि IAS ने चारों शोक-संतप्त परिवारों को 10-10 लाख की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। यदि इस शोक के समय में या इसके बाद, हम किसी और प्रकार से भी शोकाकुल परिवारों की सहायता कर सके तो कृतज्ञता महसूस करेंगे।