Hariyali Amavasya पर लगाएं ये 6 पौधे, धार्मिक और हेल्थ का है डायरेक्ट कनेक्शन

आज है हरियाली अमावस्या, जिसे श्रावण अमावस्या भी कहा जाता है। हिन्दू धर्म में यह अमावस्या एक महत्वपूर्ण पर्व है जो पर्यावरण संरक्षण और हरियाली बढ़ाने के उद्देश्य से मनायी जाती है। यह अमावस्या (Hariyali Amavasya) हर साल श्रावण मास में आती है।हरियाली अमावस्या का मुख्य उद्देश्य प्रकृति की रक्षा करना और पर्यावरण को संरक्षित करना है। इस दिन लोग विशेष रूप से पेड़-पौधे लगाते हैं और उनकी देखभाल करने का संकल्प लेते हैं।

भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से करें शुरुआत 

Hariyali Amavasya

इस अमावस्या (Hariyali Amavasya) का धार्मिक महत्व भी है। इस दिन लोग भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। माना जाता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।

इस तरह मनाएं हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya)

Hariyali Amavasya

आज के दिन (Hariyali Amavasya) विभिन्न धार्मिक स्थलों और मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है। लोग अपने घरों और बगीचों में पेड़-पौधे लगाते हैं और उनकी देखभाल का संकल्प लेते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में यह पर्व विशेष धूमधाम से मनाया जाता है। लोग गीत-संगीत और नृत्य के माध्यम से इस दिन को उल्लासपूर्वक मनाते हैं। यह पर्व हमारे वातावरण को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने का संदेश भी देता है।

स्वस्थ्य और पर्यावरण से जुड़े पर्व के फायदें भी कई

इस दिन अधिक संख्या में पेड़-पौधे लगाएं जाते हैं, जिससे पर्यावरण को स्वच्छ और स्वस्थ बनाता है। यह पर्व हमारी संस्कृति और परंपराओं को सहेजने में मदद करता है। हरियाली अमावस्या का यह पर्व समाज में एकता का संदेश देता है। तो आज के दिन अपने मित्रों और परिवार के सदस्यों के साथ एक पौधा जरुर लगाएं।

कौन से पौधे लगाएं आज के दिन? 

Hariyali Amavasya

अब जब हमें हरियाली अमावस्या का महत्व पता चल चुका है तो जानना भी जरुरी है की इस दिन कौन-कौन से पौधे लगाने चाहिए। जैसे की हमें ज्ञात है हरियाली अमावस्या को श्रावण अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए सर्वोत्तम है। तो हमें कोशिश करना चाहिए की भोलेनाथ के प्रिय पौधे ही लगाएं। जिससे भगवान शिव की विशेष कृपा मिलेगी। जो आईए जानते हैं हरियाली अमावस्या में कौन-कौन से पौधे लगाए जाते हैं..

1. तुलसी (Holy Basil)

तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है और इसे घर में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। इसे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का प्रिय पौधा माना जाता है। इसके साथ ही तुलसी एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुणों से भरपूर होती है, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करती है और विभिन्न बीमारियों से बचाव करती है।

2. पीपल (Sacred Fig)

पीपल का वृक्ष हिंदू धर्म में बहुत ही पूजनीय माना जाता है। इसे भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है और इसके नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। पीपल का वृक्ष बहुत अधिक ऑक्सीजन छोड़ता है और पर्यावरण को शुद्ध करता है। यह वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करता है।

3. नीम (Neem)

नीम का वृक्ष आयुर्वेद में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे रोगों से बचाने वाला माना जाता है। नीम के पत्ते, छाल, और फल सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। यह कई बीमारियों से बचाव करता है और त्वचा रोगों के इलाज में मदद करता है।

4. आंवला (Indian Gooseberry)

Indian Gooseberry

आंवला का पेड़ स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी होता है और इसे आयुर्वेद में विशेष स्थान प्राप्त है। आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है और इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। यह पाचन तंत्र के लिए भी बहुत लाभकारी है।

5. बेल (Bael)

बेल का वृक्ष भगवान शिव को अति प्रिय है और इसकी पूजा विशेष रूप से महाशिवरात्रि पर की जाती है। बेल के फल और पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। यह पाचन तंत्र के लिए लाभकारी होते हैं और विभिन्न पाचन संबंधी समस्याओं के इलाज में मदद करते हैं।

6. केला (Banana)

Banana tree

केला का पौधा धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और इसे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। केले के फल स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। यह पौधा जल्दी बढ़ता है और इसके फल विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।

हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) पर इन पौधों को लगाने से न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं, बल्कि ये पौधे पर्यावरण को शुद्ध और स्वस्थ बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन पौधों की देखभाल करना और उन्हें संरक्षण प्रदान करना हमारे समाज और पर्यावरण के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। तो इस हरियाली अमावस्या पर संकल्प लें एक पौधा जरुर लगाएंगे।

कैसे मनाएं हरियाली तीज..