छत्तीसगढ़ का एकल नाट्य है पंडवानी

छत्तीसगढ़ का एकल नाट्य है पंडवानी

पंडवानी मतलब पांडववाणी, या महाभारत की कहानी

पंडवानी मतलब पांडववाणी, या महाभारत की कहानी

छत्तीसगढ़ की परधान तथा देवार जातियों की गायन परंपरा हैं पंडवानी 

छत्तीसगढ़ की परधान तथा देवार जातियों की गायन परंपरा हैं पंडवानी 

पारंपरिक वेशभूषा में दिखते है कलाकार 

पारंपरिक वेशभूषा में दिखते है कलाकार 

तीजन बाई ने पंडवानी को देश, विदेशों में दिलाई ख्याति 

तीजन बाई ने पंडवानी को देश, विदेशों में दिलाई ख्याति 

पंडवानी की दो शैलियाँ हैं - कापालिक और वेदमती

पंडवानी की दो शैलियाँ हैं - कापालिक और वेदमती

गायिका, गायक तंबूरा हाथ में लिए मंच पर घूमते हुए प्रस्तुत करते हैं कहानी

गायिका, गायक तंबूरा हाथ में लिए मंच पर घूमते हुए प्रस्तुत करते हैं कहानी

महाभारत के अलग अलग प्रसंग हैं पंडवानी के आधार 

महाभारत के अलग अलग प्रसंग हैं पंडवानी के आधार 

तंबूरा कभी भीम की गदा तो कभी बनता है अर्जुन का धनुष 

तंबूरा कभी भीम की गदा तो कभी बनता है अर्जुन का धनुष 

पंडवानी के नाट्य गायकों को मिल चुके हैं कई अवॉर्ड

पंडवानी के नाट्य गायकों को मिल चुके हैं कई अवॉर्ड

तीजन बाई को मिल चुका है पदमश्री और पदम भूषण 

तीजन बाई को मिल चुका है पदमश्री और पदम भूषण 

2023 में उषा बारले को पंडवानी के लिए मिला पद्मश्री पुरस्कार

2023 में उषा बारले को पंडवानी के लिए मिला पद्मश्री पुरस्कार