कोरोना वायरस जिसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था, इससे बचाव के लिए कई देशों ने वैक्सीन बनाएं। जिन्हें उस दौरान सभी ने फटाफट लगवाया। ये वैक्सीन उस वक्त वरदान के समान हमारी जिंदगी में आएं। कोरोना वायरस महामारी से दुनिया बाहर निकल चुकी है। पर अब तक नया खतरा हमारे बीच फिर से मौजूद हो चुका है। इस खतरे का नाम है वैक्सीन एस्ट्राजेनेका “कोवीशील्ड” (Covishield) !
वरदान बने वैक्सीन से अब खौफ !
कोशील्ड वैक्सीन (Covishield) को लेकर एक बड़ी खबर आयी है। जिससे इस वैक्सीन को लगवाने वालों में डर पनप गया है। कोरोना की दवा बनाने वाली ब्रिटेन की फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने पहली बार स्वीकार किया है, कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन से गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
कंपनी ने (Covishield) स्वीकारी साइड इफेक्ट्स की बात
फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका (Covishield) ने यूके हाईकोर्ट में साइड इफेक्ट्स की बात को कबूला है। जिसके बाद से इस वैक्सीन को लगवाने वालों में आक्रोश है। एस्ट्राजेनेका कंपनी के अनुसार कोविड-19 वैक्सीन से “थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम” (TTS) जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। कोविशील्ड का निर्माण ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (Oxfoard University) के वैज्ञानिकों ने किया था।
क्या होता है “थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम”
ब्लड क्लॉट होने की स्थिति को “थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम” कहते हैं और यह शरीर के किसी भी जगह पर हो सकती है। जैसे नसें, आर्टरीज या दिल के अंदर। जिसकी वजह से शरीर के अंगों में ठीक तरह से ब्लड फ्लो नहीं हो पाता है। ब्लड क्लॉटिंग से बचने के लिए लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं। थ्रोम्बोसिस के कारण हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और प्लेटलेट्स गिरने का खतरा (Covishield) बढ़ जाता है।
लॉन्च होने के बाद से विवादों में रहा कोविशील्ड
कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स को लेकर समय-समय पर चर्चा चलती रही है। पर सोमवार 29 अप्रैल को यूके हाईकोर्ट में दायर दस्तावेजों में एस्ट्राजेनेका ने पहली बार स्वीकर किया की उसकी कोविड19 वैक्सीन से साइड इफेक्ट्स हो सकते है। ये वैक्सीन अधिकांश देशों में कोविशील्ड के नाम से बेची गई है। ये वैक्सीन लॉन्च होने के बाद से ही काफी विवादों में रही है। अब जब कंपनी ने दुष्प्रभाव को स्वीकार लिया है तो इस वैक्सीन को लगवाने वालों में आक्रोश है।
दुनिया भर में इतने लोगों ने लगवाएं ये वैक्सीन
एस्ट्राजेनेका के अनुसार दुनियाभर में 60 लाख लोगों ने कोरोना से बचाव के लिए ये वैक्सीन लगवाएं है। एस्ट्राजेनेका ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के साथ मिलकर भारत के पुणे में कोविशील्ड वैक्सीन तैयार की है। कोरोना महामारी के बाद से हार्ट अटैक की वजह से कई मौते हो रही हैं। जिनकी वजह से कोविड के वैक्सीन संदेह के घेर में हैं। फिलहाल अब ये देखना होगा की एस्ट्राजेनेका की इस स्वीकृति के बाद आगे क्या होगा।